मछली पालन के लिये बस्ती अंदर हुये तालाब निर्माण से घरों में घुसा बारिश का पानी
नियम विरूद्ध शाला विकास समिति ने कराया तालाब निर्माण
ग्रामीणों का घर जलमग्न होने परेशानियों से जूझ रहे लोग
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. राजनांदगांव रियासत कालीन राजधानी ग्राम पांडादाह में बारिश का पानी लोगों के घरों तक पहुुंच गया है, शाला प्रबंधन समिति व प्राचार्य की मनमानी से बस्ती अंदर तालाब निर्माण किया गया है जिसके कारण बारिश का पानी गांव से बाहर नहीं निकल पा रहा है और पानी लोगों के घरों में घुस रहा है. शाला विकास समिति ने स्कूल की कृषि भूमि को 5 साल के लिये लीज पर ऐसे युवाओं को दे दिया है जिन्होंने पांडादाह की बाढ़ प्रभावित बस्ती के बीच स्थित कृषि भूमि को तालाब में बदल दिया है. यह जगह बाढ़ प्रभावित है जहां पर आमनेर नदी के बाढ़ का पानी तीन बार लोगों के घरों में घुसकर तबाही मचा चुका है, ऐसी जगह में तालाब निर्माण करवाने की अनुमति देना अनुचित है.
हायर सेकंडरी स्कूल पांडादाह के प्रभारी प्राचार्य केशव सिंह मरकाम व शाला विकास समिति को मछली पालन के लिये तालाब निर्माण कराये जाने की जानकारी होने के बावजूद इस पर कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया बल्कि तालाब निर्माण होने दिया. इस मामले पर उस तालाब के आसपास निवासरत परिवारों ने 2 माह पूर्व प्रशासन के सामने बारिश में होने वाली मुसीबत को दर्शाते हुये समस्या से निपटने तथा तालाब को बंद करवाने का निवेदन किया था जिस पर ओएसडी द्वारा नायब तहसीलदार खैरागढ़ को कार्रवाई के लिये निर्देशित किया गया था. नायब तहसीलदार मनीषा देवांगन ने मौके का मुआयना किया तथा ग्रामीणों की उपस्थिति में यह भरोसा दिलाया गया कि इस तालाब की वजह से किसी भी घरों को बारिश से परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस दौरान उन्होंने पंचनामा तैयार करवाया कि जल्द ही इस समस्या से निपटने के लिये नाली निर्माण कराकर पानी को बस्ती के बाहर निकाला जाये. निरीक्षण पश्चात लगातार बारिश हो रही है जिससे मछली पालन के लिये बनाये गये तालाब के नजदीक बसा घर पूरी तरह जलमग्न हो गया है.
इस गंभीर समस्या से ग्रामीणों को निजात दिलाने न ही मछली पालन करने वाले लोगों ने ध्यान दिया और न ही तालाब बनाने की परमिशन देने वाले शाला विकास समिति ने या प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई जिम्मेदारी दिखाई. शुक्रवार को आधे घंटे तक बारिश हुई जिससे गांव की गलियों का पानी बहकर निचली बस्ती के घरों में घुस गया, अब ग्रामीणों को इस समस्या से निजात पाने मशक्कत करनी पड़ रही है. तालाब के नजदीक निवासरत परिवारों को लगातार बारिश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति से निपटना पड़ रहा है लेकिन जानकारी होने के बाद भी प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. पीड़ित परिवारों ने यह बताया कि अगर यही स्थिति बनी रही तो मजबूरन उन्हें परिवार सहित भूख हड़ताल पर बैठना पड़ेगा.
ग्रामीणों के अनुसार ग्राम पांडादाह में सैकड़ों वर्ष पूर्व निवास करने वाले राजाओं ने बस्ती के बीच में स्थित कृषि भूमि को स्कूल के लिये दान में दे दी थी जिसके पश्चात सैकड़ों वर्षों से इस खेत में धान, गेहूं व चने की फसलों की खेती की जाती रही है किंतु अधिक मुनाफे के लालच में आकर शाला विकास समिति व हायर सेकेंडरी के प्रभारी प्राचार्य ने इस कृषि भूमि को कृषि कार्य के लिये देने का प्रस्ताव बनाकर मौखिक रूप से मछली पालन की भी अनुमति दे दी. ज्ञात हो की बस्ती में बारिश का पानी भरे होने से सडक़ भी दिखाई नहीं दे रही है जिससे ग्रामीणों को आवागमन करने में परेशानी हो रही है, मजबूरीवश ग्रामीणों को लंबी दूरी तय कर जाना पड़ रहा है.
पांडादाह में बस्ती के बीच तालाब निर्माण अनुचित है, उक्त तालाब के पानी की निकासी के लिये नाली निर्माण करने का निर्देश ग्राम पंचायत पांडादाह के सरपंच को दे दिया गया है.