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बुद्धम शरणम गच्छामि के उच्चारण के साथ अनुयायियों ने मनाई भगवान बुद्ध की जयंती



सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. संगीत नगरी खैरागढ़ में बुद्धम शरणम गच्छामि के उच्चारण के साथ अनुयायियों ने भगवान बुद्ध की जयंती (बुद्ध पूर्णिमा का त्यौहार) मनाया। विश्व को करुणा शांति और मानवता का संदेश देने वाले महाकारूणिक भगवान गौतम बुद्ध की अवतरण-जयंती के अवसर पर सुबह दाऊचौरा बुद्ध विहार में हुआ धार्मिक आयोजन संपन्न हुआ जहां बड़ी संख्या में बौद्ध समाज के लोग एकत्र हुये। सर्वप्रथम बिहार में त्रिशरण एवं पंचशील का सामूहिक पाठ किया गया। बुद्धम शरणम गच्छामि के उच्चारण के साथ अनुयायियों ने गरिमा स्थली आंबेडकर चौक पहुंचकर भारत में बुद्ध धम्म को नई दशा और दिशा देने वाले संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ.भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को नमन करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया। संध्या समय कवर्धा स्टेट हाईवे में सर्किट हाउस के पास निर्माणाधीन बुद्ध विहार स्थली में समाज के वरिष्ठजनों द्वारा उपदेश कार्यक्रम एवं पूर्णिमा भोज का आयोजन किया गया।

बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भारतीय बौद्ध महासभा के जिला अध्यक्ष संतोष कामड़े ने बिहार में आहता निर्माण के लिए राशि की घोषणा की और कहा कि हम सब की भावना है कि संगीत नगरी खैरागढ़ में एक सर्व सुविधा युक्त और शानदार बौद्ध विहार का निर्माण हो। इसके लिए उन्होंने सामाजिकजनों को मिलकर भवन निर्माण के लिए एकजुट होने कहा। समाज के संरक्षक मधुकर चोखान्द्रे ने इस अवसर पर भगवान बुद्ध के जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए पुनः त्रिशरण एवं पंचशील का पाठ कराया। समाज के वरिष्ठ मंसाराम सिमकर ने कहा कि भगवान बुद्ध ने विश्व को शांति और करुणा का मार्ग दिया। बुद्ध के विचारों से अभिभूत होकर भीमराव बाबा साहेब बने और देश को एकता के सूत्र में पिरोकर संविधान की रचना की। यह बुद्ध का ही प्रभाव था कि बाबा साहेब वास्तव में देश के भारत रत्न हुए और विश्व में नॉलेज ऑफ सिंबल बने। सिमकर ने कहा कि बाबासाहेब ने जो कुछ भी किया उसमें माता रमाबाई का भरपूर योगदान रहा। आज भारत में बुद्ध से लेकर जो कुछ भी अधिकार व संसाधन पिछड़ों और वंचित वर्ग को प्राप्त है वह सब बाबा साहेब की ही देन है। समाजसेवी विप्लव साहू ने भारत में पिछड़ों के संघर्ष को रेखांकित करते हुए कहा कि हर युग में बुद्ध और बाबा साहब का मार्ग हमें जीवन की सफलता की ओर अग्रसर करता रहेगा। समारोह का संचालन करते हुए समाज के प्रमुख सलाहकार अनुराग शांति तुरे ने सिद्धार्थ गौतम से लेकर गौतम बुद्ध तक भगवान की ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की यात्रा के साथ बाहुबली सम्राट अशोक के शास्त्र छोड़कर बौद्ध भिक्षु बनने एवं अखंड भारत की स्थापना तथा मौर्य वंश के पतन पर सारगर्भित चर्चा करते हुए वर्तमान परिवेश में बुद्ध धम्म की शिक्षा पर प्रकाश डाला। समारोह को समाज के सचिव विमल बोरकर ने भी संबोधित किया और सभी को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में बौद्ध समाज के उपासक एवं उपासिकाएं उपस्थित रहे।

Satyamev News

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