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पुण्यमयी पीपल वृक्ष काटने वाले इमरान मेमन की जमानत याचिका खारिज

सत्यमेव न्यूज़ के लिये संपादक अनुराग शाँति तुरे की कलम से खैरागढ़। धार्मिक आस्था और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े संवेदनशील पीपल वृक्ष कटाई प्रकरण में न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य आरोपी इमरान मेमन की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। खैरागढ़ सिविल जिला न्यायालय में जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कुमारी मोहिनी कंवर की बेंच में सुनवाई के दौरान स्थानीय ग्रामीणों सहित कई सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों की उपस्थिति ने अदालत परिसर को जनभावनाओं का केंद्र बना दिया। आरोपी की ओर से अभिभाजित राजनांदगांव जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता हलीम बख्श गाजी ने पैरवी की जबकि शासन पक्ष से एजीपी ज्ञानदास बंजारे ने विस्तृत कानूनी तर्क रखते हुए जमानत का पुरजोर विरोध किया। अदालत ने मामले की प्रकृति को धार्मिक आस्था, जनभावना तथा पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा मानते हुए राहत देने से इनकार कर दिया है।

जिला मुख्यालय खैरागढ़ से लगे ग्राम सर्रागोंदी में स्थित लगभग 20 वर्ष पुराना पीपल वृक्ष ग्रामीणों की आस्था का प्रतीक था और नियमित पूजा-अर्चना का केंद्र भी। रिपोर्ट दर्ज कराने वाले प्रमोद पटेल के अनुसार 5 अक्टूबर को इमरान मेमन ने कथित रूप से भू-भाग समतल करने के इरादे से वृक्ष पर कटाई का प्रयास किया जिसे ग्रामीणों ने रोक दिया। किंतु अगले ही दिन सुबह जब ग्रामीणों ने वृक्ष को पूर्णत: काटा हुआ देखा, तो पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया।

पुलिस ने आरोपी इमरान मेमन एवं प्रकाश कोसरे के खिलाफ धार्मिक भावना भड़काने, शासकीय संपत्ति विरूपण, एवं पर्यावरणीय क्षति की गंभीर धाराओं में अपराध क्रमांक 464/2025 दर्ज कर दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजा था वहीं मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए खेरागढ़ थाना प्रभारी अनिल शर्मा ने स्वयं विवेचना की थी। पूछताछ के दौरान इमरान ने अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि पेड़ उसकी जमीन के सामने होने से उसने मशीन मंगवाकर कटाई कराई और सबूत छिपाने के लिए मशीन को नदी में फेंका दिया।

घटना के दूसरे दिन गांव की 90 वर्षीय देवला बाई पटेल ने कांपते हाथों और नम आँखों से उसी स्थान पर नया पीपल पौधा रोपकर भावनात्मक क्षणों को जन्म दिया। देवला बाई वहीं बुजुर्ग महिला है जिन्होंने वर्ष 2001 में पीपल के पुण्यमयी बोधि पौधे को लगाया था और वह 25 सालों में भरपूर वृक्ष बनाकर लहलहा रहा था। यह संवेदनशील मामला देखते ही देखते राष्ट्रीय स्तर पर छा गया और बीते चार-पांच दिनों से तमाम अखबार और चैनल की सुर्खियों में रहा। इसके बाद हिन्दू व स्थानीय संगठनों एवं ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से उस स्थल पर हनुमान मंदिर निर्माण का संकल्प लिया जिसके लिए विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा ने ₹3 लाख की सहायता की घोषणा भी की है। इस घटना ने न केवल आस्था को पुनर्जीवित किया बल्कि पेड़ को प्रकृति के प्राण मानने वाली भारतीय संवेदना को भी राष्ट्रीय विमर्श में स्थापित किया। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने भी घटना पर चिंता जाहिर करते हुए प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा को सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुये दुख व्यक्त किया है वहीं विधायक यशोदा वर्मा सहित तमाम स्वयंसेवी संगठनों के स्वयंसेवियों ने न्यायालय के आदेश का स्वागत किया है।

Satyamev News

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