कीटनाशक सेवन से युवक की मौत के बाद बवाल, कांग्रेस नेता व चिकित्सक आमने-सामने

चिकित्सक पर ठीक से इलाज नहीं करने का आरोप
चिकित्सक ने कहा धमकी देकर करा रहे थे इलाज
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. ग्राम बेन्द्रीडीह निवासी 30 वर्षीय युवक की कीटनाशक सेवन से मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव में हुई मौत के बाद परिजनों सहित मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचे कांग्रेस नेता ने युवक की मौत के लिये चिकित्सक व अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है वहीं दूसरी ओर युवक की मौत के बाद कांग्रेस नेता व चिकित्सक दोनों आमने-सामने आ गये हैं और पुलिस से दोनों पक्ष ने लिखित में शिकायत की है. जानकारी अनुसार 1 जुलाई की रात तकरीबन 10 बजे बेन्द्रीडीह निवासी संजू साहू को जहर सेवन के बाद सिविल अस्पताल लाया गया था.
इलाज के लिये परिजनों के साथ बेन्द्रीडीह निवासी कांग्रेस नेता दिलीप श्रीवास्तव सहयोग के लिये पहुंचे थे इस बीच पहले से ही दुर्घटनाग्रस्त मरीजों का उपचार कर रहे डॉ.पंकज वैष्णव से दिलीप की इलाज को लेकर बहस हो गई. दिलीप का कहना है कि चिकित्सक ने मौके पर दुव्र्यवहार किया और ठीक से इलाज नहीं किया और 12 बजे रात को संजू को मेडिकल कॉलेज रिफर कर दिया. इसी कारण उसकी दूसरे दिन मौत हो गई वहीं डॉ.पंकज का कहना है कि वह पहले से ही गंभीर रूप से दुर्घटनाग्रस्त एक मरीज का उपचार कर रहे थे, दिलीप ने आते ही तुरंत इलाज करने कहा, थोड़ा रूकने के लिये कहने पर विवाद करने लगा और मुख्यमंत्री से अपनी पहुंच बताते हुये अपशब्दों का प्रयोग कर गाली-गलौच करने लगा और कहने लगा कि मुख्यमंत्री से मैं तुम्हारी शिकायत करूंगा और जब मुख्यमंत्री खैरागढ़ आयेंगे तो उसके सामने खड़ा कराउंगा.
डॉक्टर लोग कोई काम नहीं करते, सरकार आपको फ्री में तनख्वाह दे रही है. डॉ.पंकज का कहना है कि बावजूद इसके वे स्वयं नर्स तुलसी साहू, धनेश्वरी साहू, वार्ड ब्वाय गोपी पांडेय व आया मैना बाई सहित चिकित्सा स्टॉफ के साथ जहर सेवन से पीडि़त व्यक्ति का उपचार करने लगे लेकिन मरीज ने बहुत अधिक शराब का सेवन किया था और बार-बार पाइप निकालकर फेक रहा था. हालत बिगड़ता देख मरीज को रिफर किया गया. इस दौरान बीएमओ डॉ.विवेक बिसेन भी उपस्थित थे. सिविल अस्पताल के चिकित्सकीय स्टॉफ का भी कहना है कि दिलीप श्रीवास्तव हमेशा अस्पताल में बिना अनुमति के पहुंचकर स्टॉफ को परेशान करता है और मरीजों को बिना वजह छूकर पूछताछ कर स्टॉफ के साथ बदसलूकी करते आया है.
वह अक्सर गाली-गलौच कर धमकी भी देता रहता है, उसके इस कृत्य से पूरे सिविल अस्पताल के स्टाफ परेशान हैं. वह बिना अनुमति के डिलीवरी रूम में भी अंदर घुस जाता है और खुद को समाजसेवी बताकर धौंस जमाता है. दूसरी ओर घटना को लेकर दिलीप श्रीवास्तव ने भी मुख्यमंत्री सहित स्वास्थ्य मंत्री व पुलिस के आलाधिकारियों को लिखित में आवेदन देकर शिकायत की है कि डॉ.पंकज वैष्णव की लापरवाही की वजह से ही इलाज में विलंब हुआ और युवक की मौत हो गई. चिकित्सक के द्वारा इलाज नहीं करने की भी बात की गई और कहा गया कि मरीज मरता है तो मर जाने दो. युवक की मृत्यु के बाद उसके परिवार में पत्नी, दो छोटे बच् चे व वृद्ध माता असहाय हो गये हैं जिसकी क्षतिपूर्ति चिकित्सक से होनी चाहिये. मामले को लेकर दोनों ही पक्षों ने जांच कर कड़ी कार्यवाही करने आवेदन दिया है.