Advertisement
IMG-20241028-WA0001
IMG-20241028-WA0002
previous arrow
next arrow
KCG

नव निर्मित पानी टंकी के रिसाव से दीवाल ढहा

जल जीवन मिशन योजना का बंदरबांट

ग्राम पंचायत देवपुरा (गंडई) का मामला

सत्यमेव न्यूज़/गंडई-पंडरिया. नगर के नजदीकी ग्राम पंचायत देवपुरा (गंडई) में नव निर्मित पानी टंकी भ्रष्टाचार का भेट चढ़ गया है. टंकी को बने अभी साल भर भी नहीं हुआ है और अभी से पानी रिसाव होने लगा है. पानी रिसाव होने कि वजह से पानी टंकी को सुरक्षित रखने के लिए बनाये गये बाउंड्रीवाल बीते दिवस रात्रि में धारासायी हो गया है. पानी के रिसाव मात्र से दीवाल का ढह जाना संबंधित विभाग और ठेकेदार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ी कर रहा है. ग्राम देवपुरा में लगभग 81 लाख रु की लागत से जल जीवन मिशन के तहत 70 किलो लीटर क्षमता वाली पानी टंकी, नल विस्तार, बाउंड्रीवाल सहित अन्य कार्य विगत सालभर पहले हुआ है. साल भर में ही नव निर्मित पानी टंकी और बाउंड्रीवाल ने ठेकेदार और विभाग की पोल खोल दी है. गांव में लगभग ढाई सौ घरों में नल का विस्तार किया जाना है वहीं इस संबंध में पीएचई विभाग के सहायक अभियंता ने पानी टंकी निर्माण को उसके कार्यकाल के पहले का होना बताया है साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नदी के किनारे टंकी का निर्माण नहीं किया जाना था. स्थल परिवर्तन कर टंकी बनाया गया है. पिछले अधिकारी और ठेकेदार के बीच क्या रिजन रहा है इस बारे में कह नहीं सकता.

स्थल परिवर्तन कर बनाया गया टंकी

ग्रामीणों की माने तो पानी टंकी का निर्माण शमशान घाट के पास होना था लेकिन गांव के ही कुछ छुटभइये नेताओं की आपसी मंसूबे को पूरा करने के लिए गौठान के समीप नदी के किनारे टंकी का निर्माण कराया गया है. नदी के किनारे निर्माण होना भी दीवाल ढहने का मुख्य कारण है. संबंधित ठेकेदार ने अपनी जेब गर्म रखने के लिए गुणवत्ताहीन कार्य को अंजाम दिया है. जिसकी वजह से शासन की लाखों रु का बंटरबाट ठेकेदार ने बखूबी से किया है. यह निर्माण आराध्या कंस्ट्रक्शन रायपुर द्वारा किया गया है जिसकी अनुमानित राशि 81 लाख रु है. बताया जा रहा है कि मेन ठेकेदार ने इसको कवर्धा निवासी किसी ठेकेदार को पेटी में दिया है. लगभग साल भर में ही पानी टंकी का हाल खराब होने लगा है. हालांकि विभाग के कर्मचारी ने गिरे हुए दीवाल को फिर से निर्माण करने के लिए संबंधित ठेकेदार को बोल दिया है. बिना बारिस के नवनिर्मित दीवाल का ढह जाना इस बात को दर्शाता है कि पानी टंकी की गुणवत्ता क्या हो सकती है और कितने साल तक टीक पायेगी. विभाग ने संबंधित ठेकेदार को लगभग 30 से 35 लाख रु का भुगतान होने की बात कही है.

बड़ी दुर्घटना टली

जिस स्थान पर पानी टंकी का निर्माण किया गया है उसके पीछे भाग में नदी है. जहां ग्रामीण निस्तारी काम के लिए जाते है साथ ही मवेशी भी चारा चरते हैं. रात्रि होने की वजह से जान माल का नुकसान होने से बच गया. यदि यही हादसा रात्रि के अलावा अन्य समय पर हुआ होता तो कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती थी.

दीवाल गिर जाने की सूचना पर मौके पर गया हुआ था. यह निर्माण कार्य मेरे कार्यकाल के पहले का है. ठेकेदार को पुन: निर्माण करने के लिए बोला गया है. नदी के किनारे निर्माण होने व बीच में हुई बारिस की वजह से मिट्टी का सपोर्ट था वह बह गया है. जिसकी वजह से दीवाल गिर गया.
राजेश मड़ावे, सहायक अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी छुईखदान

Satyamev News

आम लोगों की खास आवाज

Related Articles

Back to top button

You cannot copy content of this page