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धान खरीदी आज से, आधी-अधूरी तैयारी, प्रभारी भी तय नहीं

सूखत की समस्या ने बढ़ाया प्रशासन का सिरदर्द

धान खरीदी के लिये कोई जिम्मेदारी लेने तैयार नहीं

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. राज्योत्सव के अवसर पर 01 नवंबर से धान खरीदी करने शासन का दांव प्रशासन के लिये सिरदर्द बन गया है. धान खरीदी केन्द्रों के समस्त कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने और ऐन वक्त पर प्रभारी बनाये गये डाटा एंट्री ऑपरेटर्स द्वारा प्रभारी पद से फौरन ही इस्तीफा दिये जाने के बाद खैरागढ़ में जिला प्रशासन की मुसीबत बढ़ गई है. मंगलवार 01 नवंबर से किसानों से धान की खरीद की जानी है लेकिन इस बार समितियों में तैयारियां आधी-अधूरी है या यूं कहें कि तैयारियां मुसीबतों को झेलने जैसी है बन पड़ी है. खबर लिखे जाने तक कलेक्ट्रेट में धान खरीदी केन्द्रों में प्रभारी नियुक्त किये जाने को लेकर माथापच् ची चल ही रही है. कुल मिलाकर सूखत की समस्या ने जिला प्रशासन को आवन लागे बारात तो ओटन लागे कपास की स्थिति में ला खड़ा किया है. इन परिस्थितियों में 01 नवंबर से शुरू हो रही धान खरीदी किस तरह शुरू होकर सुचारू हो पायेगी और अन्नदाता किसान कैसे सहुलियत से अपना धान बेच पायेंगे इसके साथ ही किसानों की सरकार कहलाने वाली कांग्रेस नीत भूपेश बघेल सरकार अपनी इस छवि को कैसे बरकरार रख पायेगी इस पर गहरे संकट दिख रहे हैं.

धान खरीदी का बहिष्कार कर पूरी समिति हड़ताल पर

धान खरीदी को लेकर समस्या की शुरूआत समितियों में प्रबंधक सहित समस्त कर्मचारी जिसमें लिपिक, लेखापाल, चौकीदार, चपरासी और विक्रेता शामिल हैं, सूखत की राशि वसूली को लेकर विरोध और अब फिर हड़ताल बड़ी वजह है. ये सभी शासन के सूखत राशि वसूली के निर्णय को लेकर काफी नाराज हैं और सीधे तौर पर समिति के कर्मचारियों ने अपने संगठन के बल-बूते सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस समस्या से निपटने के लिये खैरागढ़ जिले में कलेक्टर के निर्देश के बाद नोडल अधिकारी/सहायक पंजीयक सहकारी संस्थायें रघुराज सिंह ने आनन-फानन में सोमवार 31 अक्टूबर को लिखित में आदेश जारी कर खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत धान खरीदी के लिये केन्द्रों में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटरों को प्रभारी के रूप में पदोन्नत किया लेकिन सूखत के संकट से दूर रहने इसके तुरंत बाद ही सभी डाटा एंट्री ऑपरेटर कलेक्ट्रेट पहुंच गये और धान खरीदी प्रभारी नियुक्त होने के फौरन बाद अपने पद से सामूहिक इस्तीफा दे दिया. ऑपरेटरों का कहना है कि सूखत की विकराल राशि की भरपाई आर्थिक विपन्नता से गुजर रहे ऑपरेटर वहन नहीं कर सकते, इसलिये इस पद पर रहकर धान खरीदी कर पाना संभव नहीं.

कृषि विभाग के अधिकारियों को प्रभारी बनाने की तैयारी

धान खरीदी की शुरूआत करने के लिये मुसीबत में पड़े जिला प्रशासन ने कृषि विभाग के अधिकारियों को प्रभारी बनाने की तैयारी की है. सूत्रों का कहना है कि शासन के आदेश के बाद 01 नवंबर से हर हाल में किसानों से धान खरीदी की जानी है लेकिन सूखत की समस्या के कारण कोई धान खरीदी केन्द्र में प्रभारी बनना नहीं चाहता. ऐसे में जिला प्रशासन कृषि विभाग के उन अधिकारियों को प्रभारी बनाने की फिराक में हैं जो धान खरीदी के दौरान नोडल नियुक्त किये जाते हैं लेकिन इस बात पर भी संशय है कि क्या कृषि विभाग के नोडल अधिकारी धान खरीदी केन्द्रों में प्रभारी बनेंगे. दरअसल इससे पहले राजस्व विभाग में कार्यरत पटवारी सहित अन्य कर्मचारी भी धान खरीदी को लेकर अपना हाथ खींच चुके हैं.

धान खरीदी के लिये केन्द्रों में बारदाना पहुंच गया है, केन्द्रों में प्रभारियों की नियुक्ति को लेकर क्या आदेश आता है यह मैं नहीं बता सकती.

सीमा धुर्वे, डीएमओ

शासन के आदेश के अनुरूप निश्चित ही धान खरीदी होगी, कृषि विभाग के नोडल अधिकारियों को प्रभारी बनाया जा सकता है.

भुनेश्वर चेलक, जिला खाद्य अधिकारी

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