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धर्म

देश में सुशासन की कल्पना करने वालों को श्री राम का आदर्श मानना ही पड़ेगा- देवी भक्तिप्रभा

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. धर्मनगरी पांडादाह में आयोजित संगीतमय सरस श्री राम कथा का भव्य शुभारंभ सैकड़ो की संख्या में जुटे राम भक्त श्रद्धालुओं की उपस्थिति में हुआ. भगवान बलदेव मंदिर परिसर में कथा के प्रथम दिवस सरस व्याख्यान सुनते हुए देवी भक्ति प्रभा ने कहा कि प्रभु श्री राम का जीवन समाज में आदर्श स्थापित करने के लिए सबसे बड़ा मूल मंत्र हैं. उन्होंने रामकथा के प्रथम दिवस कथा सुनाते हुए केवट जी एवं भगवान राम के संवाद का अद्भूत व्याख्यान कर बताया कि भगवान दर्शन के लिए स्वयं नही बुलाते है, वे भक्त के पास वे स्वयं ही चल कर जाते है. देश में सुशासन के परिकल्पना करने वालों को श्रीराम के आदर्श को मानना ही पड़ेगा. सबरी, केवट, विभीषण, सुग्रीव जैसे पात्रों का कई उदाहरण देते हुये साध्वी भक्तिप्रभा ने बताया राम राज्य की स्थापना के लिए जरूरी है कि समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान कल्याण के विषय में हमें पहले सोचने की आवश्यकता है. देवी भक्ति प्रभा ने कथा वाचन के दौरान अपनी विशिष्ठ व चिरपरिचित शैली में रहीम, कबीर सहित देश जाने माने कवियों के बेशकीमती व नायाब पक्तियों को सुना कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया. राम कथा के प्रथम दिवस राम भक्त ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक स्वागत कर भजन गाते हुए मंच तक देवी जी को मंचासीन किया. आयोजन में आशुतोष झा, जागृति झा, संजय यदु, संतोष पुजारी, ओम झा, पुरषोत्तम शर्मा, सतेंद्र साहू, आरती महोबिया, रिंकू महोबिया, प्रमिला रजक, सुयश खरे, रामेश्वर रामटेके, हेमूदास साहू सहित बड़ी संख्या में राम भक्त उपस्थित हुये.

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