जिला पंचायत की बैठक में गूंजा छुईखदान से दनिया मार्ग की गड़बड़ी का मामला

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. खैरागढ़ जिला के अन्तिम छोर में बसे ग्राम दनिया को जोडऩे वाली सडक़ निर्माण के जद में आने वाले अधोसंरचना मकान, बाउंड्री की मापांकन और मूल्यांकन करने वालों के द्वारा की गई गड़बड़ी और बरती गई अनियमितता मामले की गूंज जिला पंचायत सदन में सुनने को मिली. जानकारी अनुसार जिला पंचायत राजनांदगांव की सभागार में हाल ही में हुई सामान्य सभा की बैठक में जिला पंचायत क्षेत्र क्र.02 की सदस्य प्रियंका ताम्रकार ने परियोजना के माध्यम से बन रही दनिया से छुईखदान सडक़ चौड़ीकरण कार्य में बरती जा रही लापरवाही का मुद्दा पुरजोर ढंग से उठाई. उन्होंने कहा कि लगभग 2 साल से बन रहे 30 किमी की इस सडक़ में अधिकारी और ठेकेदार के द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है. सडक़ की जद में आने वाले किसानों की लगानी खेतिहर जमीन का मुआवाजा प्रकरण, वैध पट्टाधारी मकानों का मुआवजा प्रकरण आज तक तैयार नहीं किया गया जिसके चलते 14 गंाव के हजारों किसान पीडि़त हैं.

गणना पत्रक नहीं देने पर जांच की मांग
जो स्ट्रक्चर तोड़ी गई उसका कुछ किसानों को चेक मिला है लेकिन उनके गणना पत्रक की कॉपी आज दिनांक तक किसी भी प्रभावित को नहीं दिया गया है जबकि गणना पत्र दिलाने की गुहार प्रभावित परिवार छुईखदान एसडीएम से कई बार लगा चूकें हैं. ज्ञात हो कि प्रभावित लोगों की मांग पर 9 नवम्बर की बैठक में सडक़ निर्माण में लगी हुई पीडब्ल्यूडी के एडीबी प्रोजेक्ट के एनजीओ को तीन दिनों में गणना पत्र सम्बंधित को देने का भी आदेश एसडीएम ने दिया है इसके बावजूद आज तक इस आदेश का पालन नहीं हो पाया है. प्रभावित नहीं जान पाये कि किस हिसाब से उनके मकानों, शौचालय, बाउंड्री वॉल का मापांकन व मूल्यांकन किया गया है. गणना पत्रक नहीं देने के विषय में श्रीमती प्रियंका खम्हन ताम्राकर ने जिला पंचायत सीईओ और अध्यक्ष से जांच की मांग की है. ज्ञात हो कि पूर्व में पीडि़त किसान एवं प्रभावित लोगों ने शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने किसान नेता खम्हन ताम्रकर एवं सुधीर गोलछा के नेतृत्व में छुईखदान के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गिरिराज किशोर एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद शर्मा की उपस्थिति में दनिया से छुईखदान तक लगभग 32 किमी पदयात्रा कर 7 बिंदु का ज्ञापन सौंप कर तत्काल निराकरण की मांग किये थे..
एसडीएम ने दिया था पुन: सर्वे का आदेश
पद यात्रा पश्चात दिये गये ज्ञापन में चर्चा के लिये एसडीएम कार्यालय छुईखदान मेें एडीबी परियोजना, राजस्व विभाग एवं किसानों की संयुक्त बैठक कर राजस्व विभाग एवं एडीबी विभाग के अधिकारियों को संयुक्त रूप से पुन: सर्वे करने आदेशित किया था साथ ही गणना पत्रक को 3 दिनों में हितग्राहियों तक पहुंचाने की बात कही थी. इस आदेश के बाद सर्वे का काम पुन: राजस्व विभाग द्वारा प्रारंभ तो किया गया, कुछ गाँव में सर्वे भी किया गया लेकिन पूर्ण रूप से आज तक न सर्वे हुआ है न गणना पत्रक प्रभावितों को मिल पाया है.
मांग पूरी नहीं हुई तो प्रभावित किसान ग्रामीणों के साथ करेंगे आंदोलन
अधिग्रहण की जद में आने वाले किसानों तथा ग्रामीणों की मांग पूरी नहीं हुई तो प्रभावित किसान ग्रामीणों के साथ एक बार फिर आंदोलन करेंगे. बता दे कि अब तक अधिग्रहण का मुआवजा नहीं मिलने से अंदर ही अंदर जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है. लोक निर्माण विभाग के एडीबी प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी और एनजीओ के लोगों द्वारा मुआवजा के नाम पर की जा रही धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा से प्रभावितों में नाराजगी बढ़ी हुई है जिसके चलते प्रभावित कभी भी किसी बड़े आंदोलन या धरना प्रदर्शन का ऐलान कर सकते हैं जिसके लिये गांव-गांव में गुप्त रूप से बैठकें आयोजित की जा रही है. इस संबंध में लोगों का स्पष्ट कहना है कि वाजिब मुआवजा नहीं मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी.