जल संकट से जूझ रहे बाजार अतरिया क्षेत्र के सैकड़ो ग्रामीण
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डबल इंजन की सरकार के बावजूद केंद्र की जल जीवन मिशन फ्लॉप
जल जीवन मिशन योजना पर भारी पड़ रही राजनीतिक पार्टी से जुड़े ठेकेदारों की सांठगांठ
फंड के अभाव में जल जीवन मिशन योजना पर लगा ग्रहण
सत्यमेव न्यूज बाजार अतरिया. केंद्र एवं राज्य की डबल इंजन सरकार की जनकल्याणकारी योजना जल जीवन मिशन हर घर नल हर घर जल को लेकर प्रत्येक गांव में पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा है। लंबा समय बीत जाने के बावजूद भी पानी टंकी का निर्माण कार्य आज भी क्षेत्र के गांव में आधे अधूरे एवं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है, ऐसे में कहीं ना कहीं विभिन्न राजनीतिक पार्टी से जुड़े ठेकेदारों को पार्टी विशेष एवं प्रशासनिक संरक्षण होने के चलते अभी तक कोई भी ऐसे ग्राम पंचायत नहीं है जहां पानी टंकी निर्माण कार्य पूर्ण हुआ हो आज भी बाजार अतरिया क्षेत्र के ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है हाल ही में हुये लोकसभा चुनाव खत्म होते ही आचार संहिता खत्म होने के बाद ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि जल्द ही आधे-अधूरे काम पूर्ण करने कार्य की गति में तेजी आएगी लेकिन आज भी कछुआ गति से पानी टंकी का निर्माण कार्य हो रहे हैं। इस के बावजूद केंद्र एवं राज्य सरकार की इस योजना पर पूरी तरह ग्रहण लग गया है और लोग पानी के एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं वहीं लोगों का कहना है कि चुनाव आते ही लोग लुभावना वादे किये जाते हैं हर घर नल हर घर जल की इस योजना पूरी तरह से कागजों पर ही दिखाई दे रही है।
ठेकेदारो को राजनीतिक संरक्षण होने से काम अधूरे
क्षेत्र के विभिन्न गांव में पेयजल की समस्या से निजात पाने के लिये केंद्र सरकार की योजना हर घर नल हर घर जल के तहत जल जीवन मिशन के तहत पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा है जिसमें क्षेत्र में हो रहे पानी टंकी निर्माण का कार्य जो ठेकेदार कर रहे हैं उनको कहीं ना कहीं राजनीतिक संरक्षण एवं कोई ना कोई पार्टी से जुड़े हुये ठेकेदार हैं जिसके चलते ना संबंधित विभाग के कोई अधिकारी ना निरीक्षण कर पा रहे हैं और ना किसी प्रकार की कोई कार्रवाई ऐसे में केंद्र सरकार की योजना दो-तीन साल बीत जाने के बाद भी पूर्ण नहीं हो रही है ऐसे में डबल इंजन की कही जाने वाली सरकार के ऊपर सवाल खड़ा हो रहे हैं आखिर इन पर इतना मेहरबान क्यों है। आखिर शासन प्रशासन किसी प्रकार की कार्रवाई करने से क्यों कतरा रहे हैं या एक बड़ा सवाल है।
क्षेत्र के कोई भी ग्राम पंचायत में पूर्ण नहीं हुई पानी टंकी निर्माण का कार्य
दर्जन पर गांव में पानी टंकी का निर्माण कार्य हो रहे हैं लेकिन ऐसे एक भी ग्राम पंचायत कब पानी टंकी निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है जिससे आज भी पेयजल की समस्या बरकरार हैं वहीं विभागीय अधिकारी की बात करें तो ना किसी भी प्रकार का कोई ठोस कदम उठा रही है ना निरीक्षण कर पा रही है और ना ही किसी भी प्रकार कोई कार्रवाई ऐसे में एक भी ऐसे पंचायत नहीं है जहां पूरी तरह से ग्राम पंचायत में पानी टंकी का निर्माण पूर्ण हुआ हो।
अभी भी गर्मी, उमस एवं पानी के लिये तरस रहे क्षेत्र के ग्रामीण
मानसून अभी भी आने में बहुत देरी हैं वहीं उमश एवं गर्मी लोगों को हलकान कर दिया है जिसके चलते अभी भी पानी की किल्लत से बाजार अतरिया क्षेत्र के ग्रामीण जूझ रहे हैं ऐसे में वही पंचायत प्रतिनिधि जैसे तैसे व्यवस्था बनाकर पेयजल की समस्या को दूर करने का प्रयास कर रही है। इसके बावजूद पानी की समस्या से ग्रामीणों को निजात नहीं मिल पा रहा है।
इन गांवों के ग्रामीण जूझ रहे पेयजल की समस्या से
बता दें कि बाजार अतरिया क्षेत्र में दर्जनों गांव पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं जिसमें सबसे बड़ा गांव बाजार अतरिया है वही साथ ही कुसमी, भीमपुरी, सोनपुरी, रगरा, दुल्लापुर, डूडा, चंदेनी, चिंगली, गोदरी, जुनवानी, कुकुरमुडा, सिंघोरी एवं भोरमपुर गांव शामिल है इन गांव में कहीं का टांकी निर्माण पूरी हो गई है तो कहीं आधी अधूरी है कहीं तो पानी टंकी निर्माण शुरू भी नहीं हुई है और जहां पूरी तरह बनकर तैयार हो गई है तो पुराने पाइप लाइन से जोड़कर पानी की व्यवस्था की जा रही है। पीएचसी विभाग के एसडीओ ने फोन कॉल अटेंड नहीं किया।हमारे प्रतिनिधि द्वारा लगातार पेयजल की समस्या को प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया जा रहा है इसी दरमियान लगातार क्षेत्र में बन रही पानी टंकी निर्माण कार्य आधे अधूरी है। कहीं पानी टंकी निर्माण भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गई है। आखिर पानी टंकी की निर्माण कब तक पूर्ण होगी और लोगों को कब तक पेय जल की व्यवस्था होगी आखिर ठेकेदार द्वारा पानी टंकी निर्माण को पूर्ण करने क्यों रुचि नहीं दिख रहे हैं एवं विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कोई निरीक्षक और कोई कार्यवाही नहीं करने को लेकर पीएचई एसडीओ को उनके दूरभाष नंबर +91 94060 69153 पर फोन कॉल करके पक्ष जानना चाहा लेकिन उनके द्वारा फोन कॉल रिसीव नहीं किया गया।