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अपराध

घर घुसकर महिला को जान से मारने की कोशिश, पीडि़त पक्ष ने पत्रवार्ता में कहा-अब तक नहीं हुई आरोपियों की गिरफ्तारी

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. घर में घुसकर अधेड़ महिला पर हुये जानलेवा हमले के प्रकरण में बुधवार को पीडि़त सहित परिजनों ने पत्रवार्ता लेकर न्याय की गुहार लगाई है। जानकारी अनुसार गातापार जंगल थाना के ग्राम मुढ़ीपार निवासी सुखीराम सिन्हा की पत्नी बुधवंतीन सिन्हा उम्र 48 वर्ष पर बीते 8 मई की दोपहर तकरीबन 2 बजे गांव के ही शत्रुहन सिन्हा पिता कार्तिक सिन्हा, संजय सिन्हा पिता शत्रुहन सिन्हा, तोरण सिन्हा पिता शत्रुहन सिन्हा व गायत्री सिन्हा पति शत्रुहन सिन्हा ने पीडि़त के घर घुसकर बुधवंतीन बाई को अकेला पाकर उस पर डंडे व लात-घूसे से जानलेवा हमला किया था। बताया जा रहा है कि जमीन विवाद के कारण आरोपी पड़ोसियों ने एकराय होकर बुधवंतीन को जान से मारने की नियत से उस पर हमला किया। हमले के बाद बुधवंतीन के सिर में गंभीर चोट आयी है। हमले के बाद उसे राजनांदगांव जिला अस्पताल रिफर किया गया था जहां उसके सिर में फ्रैक्चर व खून का थक्का जम जाने तथा जान का खतरा होने के कारण उच्च उपचार के लिये परिजनों ने एम्स रायपुर में उसे भर्ती कराया था। यहां भी पूरी तरह स्वस्थ नहीं होने व जान के खतरे के देखते हुये परिजनों ने निजी अस्पताल में उसका उपचार कराया। उपचार उपरांत अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पीडि़ता सहित उसके परिजनों ने पत्रकार संघ के अस्थायी कार्यालय में पत्रवार्ता में अपनी आपबीती व पीड़ा सुनाई। बता दें कि पीड़िता अभी भी अस्वस्थ है और उसे चलने, बैठने, बोलने में तकलीफ है और इस अवस्था में पीड़िता न्याय के लिये दर-दर की ठोकर खा रही है।

वार्ता में पीडि़त पक्ष ने आरोप लगाया है कि पुलिस द्वारा सार्थक कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण आरोपी घटना दिनांक के बाद से ही खुलेआम गांव में घूम रहे हैं और अभी भी पीडि़त पक्ष को जान से मारने व देख लेने की धमकी दे रहे हैं। 8 मई को चारों आरोपियों ने हाथ में डंडा लेकर बलवा जैसे गंभीर अपराध को अंजाम दिया लेकिन पुलिस द्वारा मामले में अपराध धारा 307 की कायमी अब तक नहीं की गई है और आरोपियों को कानूनी दांवपेच का लाभ देकर फौरन मुचलके में जमानत दे दी गई जिससे आरोपियों के हौसले बुलंद है। पीडि़त पक्ष ने बताया कि मामले को लेकर एसपी सहित पुलिस के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर न्यायपूर्वक कार्यवाही की मांग की गई है लेकिन अब तक कोई सार्थक कार्यवाही नहीं की गई है जिसके कारण पीडि़त परिवार अभी भी डर-भय और तकलीफ में जीवन-यापन कर रहा है। ज्ञात हो कि मामले में पुलिस ने हमले के आरोपी शत्रुहन, संजय, तोरण व गायत्री सिन्हा के विरूद्ध आईपीसी की धारा 452, 294, 323, 506, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया और जमानत मुचलके पर आरोपियों को छोड़ दिया गया जिसके कारण पीडि़त पक्ष ने न्याय की गुहार लगाते हुये उचित कार्यवाही की मांग पुलिस महकमे से की है।

अपराध कायम कर नियमानुसार की गई है कार्यवाही- टीआई
मामले में टीआई देवाराम भास्कर का कहना है कि घटना की जानकारी मिलने के बाद अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था और नियमानुसार कार्यवाही की गई थी। पीडि़ता के सिर में गंभीर चोट की जानकारी मिली है, जिस पर भी नियमानुसार जांच कार्यवाही की जायेगी।

Satyamev News

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