खैरागढ़ सहित जिले में सट्टा बाजार गर्म, आईपीएल मैच में जीत हार के दांव के साथ रोजाना लग रहा लाखों रुपए का सट्टा

हर साल की तरह इस साल भी आईपीएल मैच में जुआरी-सटोरिये सक्रिय
आईपीएल सट्टे में राजनीतिक दखल रखने वाले कुछ नामचीन भी शामिल!
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. नगर जिला मुख्यालय सहित समूचे केसीजी जिले में आइपीएल सट्टे का कारोबार जोरों से चल रहा है. आलम यह हैं कि जिले के गाँव-क़स्बों तक आईपीएल सट्टे का मकड़जाल फैल चुका हैं. एक का बीस जैसे प्रलोभन के बीच जिले के युवा सहित बच्चे, बड़े इस खेल में मशगूल हैं. बताया जा रहा हैं कि अधिकतर के पास ऑनलाइन सट्टा आईडी का लिंक भी हैं और सट्टे का पूरा कारोबार आनलाईन चल रहा है ताकि पुलिस प्रशासन से बचा जा सके. कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल के जरिए सट्टा खिलाया जा रहा है. हर बार की तरह मैच के हर बाल, बल्लेबाजों के हर शॉट, प्रति ओवर और रन का रेट निर्धारित कर कारोबार किया जा रहा है.
आईपीएल सट्टे के कारोबार में सफेद पोश लोगों का दखल ज्यादा
आईपीएल सट्टे के काले कारोबार में जिले के सफेद पोश कहे जाने वाले लोगों का दखल ज्यादा है. जानकारों के अनुसार पूरा कारोबार बुकी के माध्यम से कोड वर्ड से संचालित होता है. प्रत्येक बुकी का अलग-अलग कोडवर्ड होता है. सट्टा खिलाने वाले लोग हर मैच के पहले अपना मोबाइल नंबर बदल देते हैं. इससे पुलिस उनको आसानी से ट्रेस नहीं कर पाती है. इसमें राजनीतिक दखल रखने वाले स्थानीय सट्टेबाज भी शामिल हैं.
मैच के रोमांच के साथ उतरता-चढ़ता है सट्टेबाजी का भाव-ताव
क्रिकेट सट्टे के कारोबार से जुड़े लोगों के अनुसार मैच की पहली गेंद से लेकर टीम की जीत तक रोमांच के बीच भाव चढ़ते-उतरते हैं. एक लाख को एक पैसा, 50 हजार को अठन्नी, 25 हजार को चवन्नी कहा जाता है. पूरे मैच में तीन सेशन बड़े अहम होते हैं. पहला सेशन पहले मैच का 10 ओवर और आखिरी पांच एवं सेकंड इनिंग के छह ओवर का. इस दौरान मैच के हर बाल पर दांव लगाने के साथ-साथ बॉलर, बेट्समैन पर भी दांव लगाए जाते हैं. आईपीएल क्रिकेट में सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, दस ओवर को सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं. यदि किसी ने दांव लगा दिया और वह कम करना चाहता है तो फोन कर एजेंट को ‘मैंने चवन्नी खा ली’ कहना होता है. पूरा नेटवर्क आधुनिक संचार प्रणाली लैपटॉप, मोबाइल, वाइस रिकार्डर आदि पर ही चल रहा है. सावधानी इतनी बरती जाती है कि एक बार कोई मोबाइल नंबर यूज हो गया तो उसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता लेकिन जिले के युवा जो काले कारोबार में जुड़ गए हैं अपने व अपने परिजनों की गाढ़ी कमाई को लूटा रहे हैं और भविष्य निर्माण के बीच जुए सट्टे के मकड़ जाल में उनका जीवन खराब हो रहा है.