खैरागढ़ महाविद्यालय में मनाई गई इमाईल दुर्खीम जयंती

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. रानी रश्मिदेवी सिंह शासकीय महाविद्यालय खैरागढ़ में प्राचार्य डॉ.ओपी गुप्ता एवं वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.जितेंद्र कुमार साखरे के मार्गदर्शन में समाजशास्त्र विभाग में इमाईल दुर्खीम की जयंती का आयोजन किया गया। समाजशास्त्र विभाग की अतिथि सहायक प्राध्यापक डॉ.परमेश्वरी कुम्भज टांडिया ने बताया कि इमाईल दुर्खीम वैज्ञानिक समाजशास्त्र के संस्थापक तथा समाजशास्त्र विषय की पहली प्रोफेसर (1913) में बने इमाईल दुर्खीम का जन्म 15 अप्रैल (1858) में फ्रांस की एपीनल नामक स्थान में हुआ इसकी महत्वपूर्ण कृतियां है। दी डिविजन आफ लेबर इन सोसाइटी (1893) जो इमाईल दुर्खीम के शोध का विषय रहे। द रूल्स ऑफ़ सोशियोलॉजिकल मेथड (1895), द एलीमेंट्री फॉर्म्स ऑफ़ द रिलीजियस लाइफ (1912), आत्महत्या (1867) मुख्य रचनाएं हैं। इमाईल दुर्खीम के महत्वपूर्ण सिद्धांत- सामाजिक तथ्य की अवधारणा, सामाजिक प्रकार की अवधारणा, सामूहिक प्रतिनिधित्व की अवधारणा, विसंगति की अवधारणा, सामाजिक एकता का सिद्धांत, धर्म का सामाजिक सिद्धांत, सामाजिक श्रम विभाजन, आत्महत्या का सिद्धांत जिसमें इमाइल दुर्खीम ने आत्महत्या को सामाजिक घटना कहा है दुर्खीम के अनुसार समाज ही धर्म है और धर्म ही स्वर्ग का साम्राज्य है दुर्खीम ने धर्म के सामाजिक महत्व को रेखांकित किया और समाज को एक साथ बांधने, सामाजिक मूल्यों को स्थापित करने और सामाजिक एकजुट को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका को उजागर किया है। डॉ.उमेंद्र चंदेल अतिथि सहायक प्राध्यापक हिंदी, अंजली सिंह अतिथि सहायक प्राध्यापक अंग्रेजी, विनय चौहान अतिथि सहायक प्राध्यापक ग्रंथपाल, समाजशास्त्र विषय के शिक्षक विजेंद्र वर्मा, शिक्षक धर्मपाल वर्मा सर तथा स्नातकोत्तर की छात्र-छात्राएं लीलात्री साहू, काजल, सोनम, निशा पाल, आंचल बंजारे, सरिता साहू, सुकून सूर्यवंशी, रितेश साहू, धनेश वर्मा, देवेंद्र वर्मा, रितिक रोशन वर्मा, मधु सावरकर, खुमेश्वरी, उमेश्वरी, बिना सेन, सीमा वर्मा, रवीना वर्मा, असलेखा वर्मा, विनीत यादव, रजनी वर्मा, पायल वर्मा, उमेश मेरावी, खिलेश्वर, प्रेम कुमार, कुंती वर्मा, पनेश वर्मा, निखिल वर्मा, भानुप्रिया यादव, विक्की वर्मा, मिथिलेश, दुलेश्वरी साहू, गजेंद्र, दूजबाई मेंरावी, हेमलता वर्मा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।