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केसीजी जिला भाजपा उपाध्यक्ष जीवन देवांगन की अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज

सत्यमेव न्यूज के लिए अनुराग शाँति तुरे की रिपोर्ट खैरागढ़। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कथित अवैध वसूली और सतनामी समाज के धर्मगुरु एवं प्रदेश के कैबिनेट मंत्री खुशवंत साहेब के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप में अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में घिरे भाजपा जिला उपाध्यक्ष जीवन देवांगन को सेशन कोर्ट से बड़ा झटका लगा। अदालत ने उनकी अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी है। इस फैसले के साथ ही जीवन देवांगन की कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं और अब उन्हें राहत के लिए उच्च न्यायालय का सहारा लेना पड़ेगा।

एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही आरोपी भाजपा नेता जीवन देवांगन फरार बताया जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि उनकी लोकेशन ट्रेस करने और संभावित ठिकानों पर दबिश देने की कार्यवाही जारी है। बावजूद इसके अब तक गिरफ्तारी न होने पर समाज और राजनीतिक गलियारों में सवाल उठने लगे हैं कि क्या राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई धीमी पड़ गई है लेकिन बड़ा सवाल यह भी है कि एक भाजपा नेता होने के बाद भी भाजपा के ही कैबिनेट मंत्री के खिलाफ अपशब्द और अपमानजनक बातें कहे जाने के बाद भी जीवन देवांगन को कैसे राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। मामले में सतनामी समाज पहले ही एसपी को ज्ञापन सौंपकर तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर चुका है।

सेशन कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें रखी। अदालत ने मामले की संवेदनशीलता, सामाजिक तनाव और आरोपी के आदतन कथित आचरण को गंभीर मानते हुए अग्रिम जमानत अर्जी को अस्वीकार कर दिया। आरोपी के विरुद्ध व सतनामी समाज की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता चंद्रशेखर यादव ने फैसले को न्यायोचित और समाज की भावनाओं के अनुरूप बताया है। उनका कहना था कि व्हाट्सऐप ग्रुप में उपयोग किए गए अपमानजनक शब्दों ने समाज की धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जमानत के लिये मामला हाई कोर्ट पहुँचेगा तो वे वहां भी कड़े विरोध के साथ पैरवी करेंगे।

विवाद तब भड़का जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दुलारी बाई और चमेली बघेल ने जीवन देवांगन पर 30 हजार रुपये की अवैध वसूली और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। यह शिकायत मंत्री खुशवंत साहेब के कार्यालय के माध्यम से एसपी कार्यालय पहुंची जहां दोनों के बयान दर्ज किए गए। इसी बीच भाजपा मंडल ठेलकाडीह के व्हाट्सऐप ग्रुप में देवांगन द्वारा भेजा गया कथित विवादित संदेश वायरल हो गया। संदेश में प्रयुक्त ‘गुरु घंटाल’ जैसे शब्द को सतनामी समाज ने मंत्री खुशवंत साहेब के प्रति आपत्तिजनक बताते हुए तीखे स्वर में विरोध दर्ज किया। संदेश हटाने के बावजूद उसका स्क्रीनशॉट तेजी से फैल गया और मामला उग्र होता गया।

अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद भाजपा संगठन में भी हलचल बढ़ गई है। विपक्ष इसे समाज और सरकार दोनों के प्रति असम्मानजनक व्यवहार का उदाहरण बताते हुए राजनीतिक दबाव बनाने में जुट गया है। अब पूरा मामला उच्च न्यायालय की दहलीज पर पहुंचने की स्थिति में है। सतनामी समाज का कहना है कि वे हाई कोर्ट में भी आरोपी के खिलाफ सशक्त पैरवी करेंगे। तेज़ी से बदलते घटनाक्रम, आरोपी की फरारी और बढ़ते सामाजिक तनाव के बीच जीवन देवांगन का प्रकरण राज्य की राजनीति और कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।

Satyamev News

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