अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी: जादू टोना के शक में युवक ने की थी महिला की हत्या
भरदाकला हत्याकांड के खुलासे को लेकर एसपी ने की पत्रवार्ता
8 घंटे में पुलिस ने सुलझाई अनसुलझी हत्या की गुत्थी
धारदार हसिया से हत्या करने वाला महज 19 वर्षीय आरोपी युवक गिरफ्तार
एसपी के मार्गदर्शन में खैरागढ़ थाना, फॉरेंसिक टीम व सायबर सेल ने किया हत्याकांड का खुलासा
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. भरदाकला में शुक्रवार की सुबह हुई महिला की हत्या की गुत्थी पुलिस ने महज 8 घंटे में सुलझा ली है. हत्यारा महिला का पड़ोसी युवक निकला. शनिवार की दोपहर एसपी कार्यालय में आयोजित पत्रवर्ता को संबोधित करते हुये एसपी त्रिलोक बंसल ने बताया कि जादू-टोना के शक में कनचेतही उर्फ़ मिलवंतीन बाई पति घनश्याम सतनामी 55 वर्ष की धारदार हसिया से आरोपी ने निर्मम हत्या कर दी थी. हत्या के आरोपी सोहन पिता साजन बघेल 19 वर्ष ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने ही शुक्रवार की सुबह तकरीबन 8.30 बजे महिला की हत्या की है और हत्या की वारदात को अंजाम देकर मौके से फरार हो गया. हत्याकांड की जांच में एएसपी नेहा पांडे व एसडीओपी लालचंद मोहले के मार्गदर्शन में खैरागढ़ टीआई राजेश देवदास के नेतृत्व में पुलिस के जवान, फॉरेंसिक व साइबर सेल की टीम जांच में जुटी हुई थी. शुक्रवार की शाम शव के पोस्टमार्टम के बाद चिकित्सकों ने हत्या की पुष्टि की थी.
जादू-टोना का था शक, आरोपी ने महिला को टोनही मानकर ले ली जान
इस आधुनिक और सभ्य कहे जाने वाले युग में घटना को लेकर अचंभित कर देने वाली बात सामने आयी है कि आरोपी सोहन बघेल ने जादू-टोना के शक में मृतिका मिलवंतिन बाई को टोनही समझकर हत्या कर दी. बताया गया कि आरोपी की बहन मनोवैज्ञानिक रूप से बीमार थी. आरोपी को शंका थी कि मृतिका उसकी छोटी बहन को जादू-टोना कर रही है. 2 दिन पहले 14 मार्च की रात्रि आरोपी की छोटी बहन फिर से बीमार हो गई और भूत पकड़ने के मनोविज्ञान के बीच वह मृतिका मिलवंतीन बाई का बार-बार नाम ले रही थी. आरोपी ने इस घटना के बाद अपने पिताजी के साथ मिलकर अपनी छोटी बहन को मामा के घर बागतराई छोड़ वापस गांव भरदाकला लौट आया था.
पहले गला दबाकर धक्का दिया फिर हसिये से प्राण घातक हमला कर की हत्या
जादू-टोना और भूत-प्रेत के मनोविज्ञान और प्रतिकार की भावना में उलझे आरोपी युवक ने शनिवार की सुबह योजनाबद्ध तरीके से हत्याकांड को अंजाम दिया. 15 मार्च 2024 की सुबह 8 बजे आरोपी पंचायत भवन के पास खड़ा था तभी कनचेतही उर्फ़ मिलवंतीन का बेटा और बहू खेत जाने के लिए निकले, उस वक्त कनचेतही अपने घर के बरामदे में खड़ी थी, थोड़ी देर बाद आरोपी सोहन उसके घर पहुंचा और कनचेतही उर्फ़ मिलवंतीन का गला दबाकर उसे धक्का दिया जिससे वह जमीन पर गिर गई. बचाव के लिए कनचेतही ने सोहन के साथ झूमा-झटकी भी की लेकिन तभी सोहन ने चूल्हे के पास रखे धारदार हसिया को उठाकर कनचेतही के सिर, गला व सीने में बार-बार वार किया और उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई. हत्याकांड को अंजाम देकर आरोपी घटनास्थल से फरार हो गया. मृतिका के घर से सोहन को निकलते गांव के ध्रुव नामक लड़के ने उसे देखा था. हत्या के बाद सोहन घर पहुंचा और अपना खून से सना फूलपैंट व जूता निकालकर बाड़ी में ले जाकर जला दिया और आरोपी ने अपनी दादी मुन्नी बाई को बताया कि उसने कनचेतही ऊर्फ मिलवंतिन को जान से मार दिया हैं.
धारा 450 व 302 के तहत आरोपी को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल
हत्याकांड के खुलासे के बाद आरोपी सोहन के विरुद्ध पुलिस ने आईपीसी की धारा 450 व 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायालय के आदेश पर उसे जेल भेज दिया है. त्वरित जांच कर आरोपी तक पहुंचने में एएसआई वीरेंद्र चंद्राकर, आरक्षकगण शैलेंद्र पटेल, लक्ष्मण साहू, मणि शंकर वर्मा, शिवलाल वर्मा, साइबर सेल प्रभारी टैलेस सिंह, आरक्षकगण चंद्रविजय सिंह, त्रिभुवन यादव, जयपाल केवर्त्य व कमलकांत साहू की सराहनी भूमिका रही.