75 करोड़ की लागत से बन रहे छुईखदान से दनिया मार्ग निर्माण में अवैध उत्खनन घोटाला, कलेक्टर ने दिये जांच के निर्देश

बहुचर्चित सडक़ निर्माता कंपनी एनसी नाहर कर रही है निर्माण कार्य
अवैध उत्खनन में खनिज विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता उजागर
मुआवजा प्रकरण को लेकर एडीबी के अधिकारी भी जांच के दायरे में
खैरागढ़. 75 करोड़ की लागत से बन रहे छुईखदान से दनिया मार्ग निर्माण में बड़ा अवैध उत्खनन घोटाला हुआ है. कलेक्टर डॉ.जगदीश सोनकर ने ग्रामीणों की शिकायत के बाद मामले को संज्ञान में लेकर मार्ग निर्माण के अलग-अलग पहलुओं की जांच-पड़ताल शुरू कराई और अब एडीबी और खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है. मार्ग निर्माण में प्रभावित किसानों के मुआवजा प्रकरण को लेकर एडीबी के अधिकारी व मार्ग निर्माता कंपनी पहले ही चर्चा में रहे हैं, मार्ग निर्माण का काम छत्तीसगढ़ की बहुचर्चित सडक़ निर्माता कंपनी मेसर्स एनसी नाहर द्वारा कराया जा रहा है. मुआवजा प्रकरण को लेकर एडीबी के अधिकारी भी अब जांच के दायरे में है.
संलिप्त खनिज विभाग के अधिकारियों को किया गया जवाब तलब
बता दे कि छग शासन द्वारा 2018 में बहुप्रतिक्षित छुईखदान से दनिया मार्ग निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई थी और इसका निर्माण कार्य क्षेत्र के विकास के लिये शुरू कराया गया था लेकिन मार्ग निर्माण में न केवल एडीबी के अधिकारियों की कर्तव्यविमूढ़ता सामने आयी है बल्कि प्रारंभिक जांच के बाद अब खनिज विभाग के अधिकारी भी अवैध उत्खनन मामले में घिरते नजर आ रहे हैं जिसे लेकर कलेक्टर डॉ.जगदीश सोनकर ने अविलंब कार्यवाही करते हुये जांच समिति का गठन किया और खनिज विभाग द्वारा लंबे समय से चल रहे अवैध उत्खनन पर संज्ञान न लेने से उनकी संलिप्तता को उजागर किया है. बता दे कि कलेक्टर डॉ.सोनकर ने उत्खनन प्रकरण पर खनिज विभाग से जवाब तलब करते हुये ग्रामीणों से शिकायत मिली है कि सडक़ निर्माण में लगी कंपनी मेसर्स एनसी नाहर द्वारा लगातार 3 वर्षों से अवैध उत्खनन हुआ है लेकिन लगातार शिकायत के बाद भी खनिज विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिसके बाद कलेक्टर ने खनिज विभाग के दोषी अधिकारियों को तत्काल प्रतिवेदन प्रस्तुत करने निर्देश दिया है.
दो दिन पहले एडीबी के अफसरों को लगाई थी फटकार
बता दे कि दो दिन पहले ही कलेक्टर डॉ.जगदीश सोनकर ने एडीबी के अफसरों को मुआवजा प्रकरण में कोताही को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी जिसके बाद पीडि़त किसानों के 200 मुआवजा प्रकरण जमा कराये गये हैं. मुआवजा प्रकरण जमा होने के बाद कलेक्टर डॉ.सोनकर ने मातहत अफसरों को शीघ्र जांच कर मुआवजा देने निर्देश भी जारी कर दिया है. गौरतलब है कि छुईखदान-दनिया मार्ग में किसानों के हित पीड़ा को लेकर भाजपा नेता खम्हन ताम्रकार लगातार आंदोलन करते रहे हैं वहीं पूर्व विधायक गिरवर जंघेल किसानों की जनचौपाल में मामले की जांच कराने व किसानों को मुआवजा दिलाने का वादा कर चुके हैं वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव भवानी बहादुर सिंह भी मामले की शिकायत किसानों के हित में कर चुके हैं. मार्ग निर्माण में अफसरों की मनमानी के कारण न केवल शासन के विरूद्ध विपक्ष को मुद्दा मिलता रहा है बल्कि कांग्रेस के नेता भी एडीबी व खनिज विभाग के अधिकारियों की तानाशाही से तंग रहे हैं जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी मामले में जांच के निर्देश दिये थे. अब ऐसी आशंका जताई जा रही है कि मामले में एडीबी व खनिज विभाग के दोषी अफसरों के विरूद्ध बड़ी कार्यवाही हो सकती है.
मुआवजा प्रकरण से लगभग 200 किसान हुये हैं प्रभावित
मार्ग निर्माण के कारण क्षेत्र के लगभग 200 किसान मुआवजा से वंचित हुये हैं, राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दनिया-छुईखदान सडक़ निर्माण में आपसी भूमि क्रय नीति 2016 के अंतर्गत किसानों की लगानी भूमि कुल प्रभावित 10 ग्राम में से 3 ग्रामों का 72 साझा किसानों का मुआवजा प्रकरण एसडीएम गंडई-छुईखदान को जांच के लिये प्रेषित किया गया है. ग्राम मैनहर में 23 प्रभावित किसानों की भूमि प्रभावित होने की सूचना एडीबी द्वारा दी गई है लेकिन प्रकरण कार्यालय में जमा नहीं किया गया है. बताया जा रहा है कि ग्राम तेंदुभाठा के 6 व राधापुर, पद्मावतीपुर, कोडक़ा व सिलपट्टी के 97 प्रभावित किसानों का रकबा प्रकरण विचाराधीन है जिसे लेकर कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देशित किया है कि एक माह के भीतर इसका निराकरण कर लिया जायेगा.
जांच में अवैध उत्खनन के मिले पुख्ता सबूत
कलेक्टर डॉ.सोनकर द्वारा अवैध उत्खनन को लेकर कराई गई जांच में अवैध उत्खनन के पुख्ता सबूत मिले हैं. ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि मार्ग निर्माण आरंभ होने से पहले अब तक मुरूम उत्खनन, सडक़ निर्माण में लगी कंपनी मेसर्स एनसी नाहर द्वारा किया गया है लेकिन खनिज विभाग द्वारा इस पर कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई है. जांच में अवैध उत्खनन की गहराई लगभग 2 मीटर मिली है जिसमें बरसाती पानी भरने से जन धन और पशुधन की हानि होने की गंभीर आशंका है.