
शैक्षिक गुणवत्ता सुधार पर दिया जोर
शासन से अकादमिक कार्यों पर फोकस कराने की मांग
सत्यमेव न्यूज के लिए आकाश तिवारी खैरागढ़। शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार और संकुल समन्वयकों की वास्तविक भूमिका को स्पष्ट करने की मांग को लेकर जिला शैक्षिक समन्वयक संघ की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में 70 संकुल समन्वयकों ने एक स्वर में गैर शिक्षकीय एवं गैर अकादमिक कार्यों के विरोध में सामूहिक त्यागपत्र देने का निर्णय लिया। जिला अध्यक्ष मनसुख वर्मा, जिला सचिव संजय सिंह राजपूत, कोषाध्यक्ष कौशल राजपूत और प्रणय महोबे ने बताया कि शासन ने वर्तमान सत्र को ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता वर्ष’ के रूप में घोषित किया है, लेकिन इसके विपरीत संकुल समन्वयकों को शिक्षा विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों से जुड़े लगभग 30 प्रकार के ऑनलाइन और कार्यालयीन कार्यों में उलझा दिया गया है। इससे वे अपने मूल दायित्व-शिक्षा की गुणवत्ता सुधार-पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।
समन्वयकों ने मांग रखी कि वे अकादमिक व्यक्ति हैं इसलिए उनका उपयोग केवल शैक्षिक सुधार, अध्ययन-अध्यापन की निगरानी और शिक्षकों में गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक वातावरण तैयार करने के लिए किया जाए। साथ ही प्रस्ताव पारित किया गया कि कार्यालयीन डाक की प्राप्ति और वितरण का कार्य संकुल प्राचार्यों को सौंपा जाए, न कि समन्वयकों को। यह भी निर्णय लिया गया कि शासन तक अपनी मांगों को पहुंचाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जाएगा जिसमें स्पष्ट रूप से गैर शिक्षकीय कार्यों से मुक्ति की अपील की जाएगी ताकि संकुल समन्वयक पुनः विद्यालयी शिक्षा के मूल आधार-बच्चों की सीखने की गुणवत्ता-पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकें। बैठक में नरेंद्र ठाकुर, रामेश्वर वर्मा, विभाष पाठक, गंगू टंडन, केशव साहू, मनोज मरकाम, शिव खुसरो, दुर्गा सिंह कोर्राम, किशोर तिवारी, निखिल सिंह, निमेष सिंह, कमल वर्मा, प्रयाग सिंह, निर्जन टंडन, उपेंद्र देवांगन, सुखराम कंवर, चंद्रशेखर गुनी, दामोदर वर्मा, राजेश श्रीवास्तव, गिरवर बंजारे, पूरन बंजारे, पूनम वर्मा, बैनदास साहू, रामसुख निषाद, दिनेश वर्मा, प्रदीप राजपूत, नोहर देवघर, राजू जोशी, मधुर सिंह, कुशल मार्शल, परमेश्वर कौशिक, अजय वर्मा, मुकेश कश्यप, योगेन्द्र कश्यप सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।संकुल समन्वयकों ने दो टूक कहा कि हम शिक्षक हैं और हमारा दायित्व बच्चों की शिक्षा है हमें फाइलों और डाटा अपलोड में उलझना नहीं है।