55वें पड़ाव में वॉरियर्स का हुआ सम्मान, अस्पताल में विराजे संकटमोचन के द्वार पहुंची धर्मयात्रा

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. शासकीय अस्पताल परिसर में विराजे संकटमोचन हनुमान जी के दर पर धर्मयात्रा अपने 55वें पड़ाव में पहुंची जहाँ सैकड़ों की संख्या में पहुंचे स्वयंसेवियों व धर्मप्रेमियों ने सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया. पाठ से पूर्व बीएमओडॉ.मनीष बघेल, विनय रामटेके, बृजेश ताम्रकार व अन्य कोरोना वॉरियर्स को राम नामी गमछा पहनाकर सम्मानित किया गया. आयोजन समिति ने श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर निर्माण के लिये 1100 रुपये प्रथम किश्त देने की घोषणा की.

धर्मयात्रा में खैरागढ़ से धर्मयात्री राजीव चंद्राकर, उत्तम दशरिया, सुभाष सिंह राजपूत, नेहित चावड़ा, अजेन दशरिया सहित छुईखदान के मुकेश वैष्णव, राजा ददरिया, कमल वैष्णव, अरविंद शर्मा, भीमु सोनी, मोहन जंघेल (शिक्षक) सहित अन्य शामिल रहे. राम भवसार ने भजनों की प्रस्तूति दी जिसमें संगत छन्नू दास ने दिया.

परहित सबसे बड़ा धर्म – भागवत शरण सिंह

धर्मयात्रा प्रमुख भागवत शरण सिंह ने कहा कि यह अद्भुत संयोग है कि आज संकटमोचक के दर पर कोरोना वारियर्स के सम्मान का अवसर प्राप्त हुआ है. जिन्होंने अपने जीवन की परवाह किये बिना कोरोना पीडि़तों के इलाज का कार्य किया है. वे प्रत्येक मंच से सम्मान के अधिकारी हैं. भागवत ने कहा कि परहित के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर करने की भावना रखना ही सबसे बड़ा धर्म है. संचालन शरद श्रीवास्तव ने किया. जिला पंचायत सदस्य हर्षिता बघेल, नगर पंचायत अध्यक्ष पर्तिका महोबिया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दी साथ ही सामूहिक पाठ में शामिल रहे.

श्री जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष आदित्य देव वैष्णव ने कोविड काल के कठिन दौर को याद किया साथ ही उस दौर में श्री जगनाथ सेवा समिति के कार्यों को याद किया. वैष्णव ने बताया कि समिति के सदस्यों ने घर-घर तक भोजन से लेकर भाप मशीन तक पहुंचाने का काम किया है. पाठ के बाद वृहद भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी सँख्या में श्रद्धालु शामिल हुये. छुईखदान में आयोजित धर्मयात्रा के प्रत्येक पड़ाव में वृहद भंडारे का आयोजन किया जा रहा है.

Exit mobile version