सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. धर्मयात्रा अपने 41वें पड़ाव (संकल्पित) में श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर श्री भोरमदेव मंदिर परिसर कवर्धा में विराजमान नटराज मुद्रा हनुमान जी के दरबार में पहुंची. सनातन काल से मैकल पर्वत श्रृंखला पर विराजमान भगवान भोलेनाथ के मंदिर परिसर में स्थापित खेड़ापति हनुमान मंदिर की पूजा- अर्चना नियमित रूप से होती है. हनुमान चालीसा का पाठ भी प्रति मंगलवार होता है. मंदिर के आचार्य ने बताया भारत में यह एक मात्र प्रतिमा है, जो नटराज के रूप में है. बेल के वृक्ष में बजरंग बली का स्वरूप उभरा है, बाएं पैर के नीचे मां पाताल भैरवी है और दूसरा दाहिना पैर सीधे पाताल को जाता है. अंतिम संकल्पित पड़ाव में भिलाई निवासी आचार्य कान्हा महाराज व उनके अनुज देवा महाराज, श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर के आचार्य धर्मेंद्र महाराज, पूर्व जनपद उपाध्यक्ष छुईखदान खम्मन ताम्रकार, पूर्व जनपद उपाध्यक्ष खैरागढ़ राकेश गुप्ता, रुक्खड़ स्वामी ट्रस्ट के अध्यक्ष रामकुमार सिंह, सचिव अनुज गुप्ता, पूर्व जनपद अध्यक्ष टिलेश्वर साहू, पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि हेमू साहू, महंत प्रमोद गिरी गोश्वामी, राजेश शुक्ला, जय मोटर्स राजनांदगांव के संचालक सुपर्ण सिंह बघेल सहित अन्य शामिल रहे. धर्मयात्रा के प्रमुख सदस्य राजीव चंद्राकर, विजय प्रताप सिंह, उत्तम दशरिया, शिवम नामदेव, सुभाष चावड़ा, जितेंद्र यादव, नेहित चावड़ा, हर्ष वर्धन वर्मा, भीषम वर्मा, अजय वर्मा, राजू वर्मा, अजेन दशरिया, भूप वर्मा, देवेंद्र वर्मा मौजूद रहे. आलोक श्रीवास और आयश सिंह सहित अन्य ने कवर्धा यात्रा में विशेष सहयोग प्रदान किया.
सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का 41 पाठ पुनर्जन्म जैसा- भागवत शरण सिंह
धर्मयात्रा प्रमुख भागवत शरण सिंह ने सुंदरकांड व हनुमान चालीसा के 41वें पाठ का महत्व बताते हुए कहा कि हनुमान चालीसा का लेखन गोश्वामी तुलसीदास ने मुगल बादशाह अकबर के कारागृह में किया था. जब रामभक्त तुलसीदास जी को बादशाह अकबर ने कारागृह में डाल दिया वहीं तुलसीदास ने हनुमान चालीसा के चौपाई की रचना की. हनुमान चालीसा की संपूर्ण रचना 40 दिनों में पूरी हुई और 41वें दिन वानरों ने कारागृह में हमला बोल दिया और बंदीगृह का ताला खुल गया. श्री सिंह ने कहा कि सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का 41 पाठ पुनर्जन्म जैसा है.
कान्हा महाराज व विधा के भजनों ने बांधा समां
पाठ के अंतिम संकल्पित पड़ाव में पहुंचें भिलाई निवासी कान्हा महाराज ने सुमधुर हनुमान चालीसा पाठ से जन मानस को भक्ति रस से सराबोर कर दिया जिसमें उनका साथ देवा महाराज ने दिया. इसके बाद संगीत विवि की लोक गायिका डॉ.विधा सिंह राठौर ने हनुमान भजनों की श्रृंखला प्रस्तुत की. कवर्धा में प्रसादी सहित संगीत संसाधनों की व्यवस्था की जवाबदारी श्री जंगन्नाथ सेवा समिति के सदस्य श्रीकांत महोबिया ने की जिन्हें धर्मयात्रियों ने सम्मानित किया. व्यवस्था बनाने के लिए श्री जगन्नाथ सेवा समिति के प्रमुख संजीव दुबे, आदित्य देव वैष्णव, शरद श्रीवास्तव, विजय दुबे, दिलीप वैष्णव सहित समस्त जगन्नाथ सेवा समिति के साथियों को आभार व्यक्त किया.
मंदिर निर्माण के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ेगी धर्मयात्रा
42वें पड़ाव से अब धर्मयात्रा के उद्देश्य में परिवर्तन होने जा रहा है. अब यात्रा श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर निर्माण के उद्देश्य से आगे बढ़ेगी साथ ही सत्य सनातन धर्म जन जागरण के उद्देश्य को लेकर अनवरत चलती रहेगी. यात्रा अब गांव-गांव तक, घर-घर तक जाएगी और धर्म की अलख जगाते हुए मंदिर निर्माण के लिए सहयोग इक_ा करेगी साथ ही कॉरिडोर की मांग को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने के लिए समर्थन जुटाएगी.