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37 करोड़ की जल आवर्धन योजना चढ़ीं भ्रष्टाचार की भेंट

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. जिला मुख्यालय खैरागढ़ गर्मी के दिनों में एक बार फिर गंभीर जल संकट से जूझ रहा है और इसकी जड़ें बीते एक दशक पुरानी जल आवर्धन योजना में छिपी हैं जो आज भी भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और प्रशासनिक लापरवाही के कारण अधूरी ही है। बता दे कि खैरागढ़ विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा के निर्देश पर मिशन संडे टीम ने संयोजक मनराखन देवांगन के नेतृत्व में गंजीपारा वार्ड और लालपुर स्टाफ डैम का कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई गंभीर खामियां और प्रशासनिक उदासीनता उजागर हुई है। करीब 8-10 वर्ष पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में खैरागढ़ की जल समस्या को दूर करने के लिये 37 करोड़ रुपये की जल आवर्धन योजना स्वीकृत की गई थी। योजना के तहत रानी रश्मिदेवी जलाशय (छिंदारी डैम) से पानी पाइपलाइन के ज़रिये नगर के सभी वार्डों तक पहुंचाया जाना था लेकिन न तो समय पर काम हुआ न ही काम में पारदर्शिता रही। दो वर्ष पूर्व नगर की मुख्य सड़कों और गलियों को बेरहमी से खोदकर पाइप लाइन बिछाई गई जिससे नागरिकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा सड़क दुर्घटनाएं हुईं और जगह-जगह गड्ढे बन गये लेकिन विडंबना यह रही कि आज तक घर-घर पानी पहुंचाने के लिए जल आवर्धन योजना के पाइपों से पानी की आपूर्ति शुरू ही नहीं हो पाई है।

नियमों के विपरीत किया गया 37 करोड़ का निर्माण कार्य

नियमानुसार, पहले छिंदारी डैम से खैरागढ़ तक पाइप लाइन बिछाई जानी थी लेकिन नगर पालिका ने सीधे नगर में पाइप लाइन डाल दी जो तकनीकी दृष्टि से गलत और अधूरी योजना थी। अब बताया जा रहा है कि पानी की सप्लाई रानी रश्मि देवी जलाशय से नहीं होकर लालपुर स्टाफ डेम से की जाएगी, स्टॉफ डेम की ऊचाई बढ़ाने व पानी स्टोर करने के लिये पुन 2.46 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये। लालपुर स्टाफ डेम, जो पहले ही नगर पालिका द्वारा बनाया गया था उसकी ऊँचाई नहीं बढ़ाई गई है और उसके गेट पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। डेम के ऊपर की सड़कों की हालत खस्ताहाल है। गिट्टियाँ उखड़ चुकी हैं और सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है।
सिंचाई विभाग को जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद भी महज़ लीपापोती कर राशि आहरित कर ली गई। जबकि धरातल पर कोई प्रभावी कार्य नहीं हुआ। गंजीपारा में बना वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) लगभग एक वर्ष पहले बनकर तैयार हो चुका है लेकिन आज तक उससे एक बूंद पानी भी किसी वार्ड में नहीं पहुँचा। नतीजा यह है कि जल आवर्धन योजना सिर्फ कागज़ों में सिमट कर रह गई है। नगर में आज भी वही पुरानी, रियासतकालीन पाइपलाइन से ही पानी की आपूर्ति हो रही है। वर्ष 2011 में 80 लाख की लागत से पीएचई विभाग द्वारा जल शोधन संयंत्र योजना शुरू की गई थी जिसमें गंजीपारा और राज फैमिली क्षेत्र में पाइप डाले गये थे लेकिन आज तक वह योजना भी अधूरी है। नगर के कई वार्डों में पाइप लाइनें टूटी हुई हैं। दाऊचौरा में विगत चार-पांच दिनों से एक पानी का खराब टैंकर मेन रोड को जाम कर खड़ा है जिससे सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। इसके बावजूद नगर पालिका प्रशासन सोया हुआ है। मानो किसी बड़े हादसे का इंतजार हो। मिशन संडे के संयोजक मनराखन देवांगन ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुये प्रशासन से मांग की है कि हर वार्ड में सुचारु रूप से पानी की व्यवस्था तत्काल की जाये। जल आवर्धन योजना में लिप्त भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों पर तत्काल सख्त कार्रवाई हो। जल संकट से निपटने के लिये युद्धस्तर पर टैंकर व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। निरीक्षण में दौरा कांग्रेस नेता डॉ.अरुण भारद्वाज, नेता प्रतिपक्ष दीपक देवांगन, रविंद्र गहरवार, महेश यादव, सूर्यकांत यादव, शेखर दास वैष्णव, खेमराज पटेल, हरिदर्शन धीमर, सूरज देवांगन, भूपेंद्र वर्मा, उमेश साहू, आकाश सारथी समेत मिशन संडे की पूरी टीम ने मौके पर उपस्थित रहकर स्थिति का आंकलन किया।

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