सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. धर्मयात्रा अपने 37वें पड़ाव में जंगलपुर पहुंची जहां यात्रा का आत्मीय स्वागत हुआ वहीं 38वें पड़ाव में गंडई स्थित मां गंगई के दरबार में पहुंचकर सुंदरकांड का पाठ किया गया. शैक्षणिक रूप से विकसित इस ग्राम जंगलपुर में तमाम सुविधाओं के बीच आम जन सुखमय जीवन हनुमान जी के सानिध्य में जी रहे हैं. धर्मयात्रा प्रमुख भागवत शरण सिंह ने पाठ के दौरान कहा कि वैसे तो हमारा पूरा क्षेत्र प्राचीनतम गौरवशाली धार्मिक इतिहास समेटे हुए हैं पर गंडई का अपना अलग प्राचीनतम पुरातात्विक इतिहास है. गंडई में यात्रा का संयोजन धर्मानुरागी खम्हन ताम्रकार कर रहे हैं. श्री ताम्रकार ने सभी धर्मयात्रियों को इस पुनीत कार्य के लिए शुभकामनाएं दी और कहा कि धर्मयात्रा के माध्यम से जनजागरण का प्रयास अद्भुत है. संजीव दुबे, आदित्यदेव वैष्णव और शरद श्रीवास्तव यात्रा के अगले पड़ावों का चिंतन कर रहे हैं.
धर्मयात्रा में महिलाओं सहित भक्तगण हो रहे शामिल
गंगई मंदिर में आयोजित पाठ में महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं इसके साथ ही प्राचीन हनुमान मंदिर में भी सुंदरकांड का पाठ हुआ जिसमें बड़ी संख्या में भक्तगण शामिल हुये. सुंदरकांड के पाठ में पूर्व विधायक गिरवर जंघेल विशेष रूप से मौजूद रहे वहीं हिंदू जनजागरण समिति के सदस्यों दुजेराम वर्मा व अन्य के साथ धर्म यात्रा का मार्ग प्रशस्त किया. धर्मयात्रा में देवराज किशोर दास, अरविंद शर्मा, राजीव चंद्राकर, रामावतार साहू, लाल जेके वैष्णव, शिवम नामदेव, विजय प्रताप सिंह, राम भवसार, उत्तम दशरिया, अजय वर्मा, भीखू वर्मा, अजेन दशरिया, निखिल चवड़ा सहित अन्य निरंतर धर्मयात्री के रूप में उपस्थिति दे रहे हैं. पाठ में धर्मानुरागी राजेश ताम्रकार, संजय अग्रवाल, राकेश ताम्रकार, विक्की अग्रवाल, संगीत चौबे सहित अन्य शामिल हुए. गंडई जमीदार शासकों की कुलदेवी अधिष्ठात्री मां गंगई के रूप में गंडई नगर के मध्य में स्थित हैं. वर्तमान में ऊक्त जमीदारी के वंशानुगत उत्तराधिकारी लाल टारकेश्वर शाह खुसरो हैं. हालांकि मंदिर सभी की उपासना के लिए खुला है जिसमें आमजन पूजा पाठ कर सकते हैं. गंडई में इस मंदिर के अतिरिक्त देउर मंदिर भी है जो पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं.