हिन्दी विभाग में मनाई गई गोस्वामी तुलसीदास जयंती

हिन्दी विभाग करता है प्रतिवर्ष आयोजन

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़ इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा मंगलवार 5 अगस्त को संकाय स्तर पर तुलसी जयंती समारोह का आयोजन किया गया। हिन्दी विभाग द्वारा यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष मनाया जाता है जिससे विद्यार्थीगण गोस्वामी तुलसीदास जी तथा उनकी रचनाओं के संबंध में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सके। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो.डाॅ.लवली शर्मा उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो.डाॅ.मृदुला शुक्ल, अधिष्ठाता कला संकाय ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रभारी कुलसचिव डाॅ.सौमित्र तिवारी, सेवानिवृत्त प्रोफेसर डाॅ.कांशीनाथ तिवारी व हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो.राजन यादव उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कुलपति ने कहा कि यह कार्यक्रम इसलिये आयोजित है ताकि विद्यार्थीगण तुलसीदास जी को जान सके समझ सके। तुलसीदास जी की रचनाओं का अनुवाद कई भाषाओं में हुआ है ऐसे महान रचनाकार को जानना विद्यार्थियों के लिये आवश्यक है। प्रो.डाॅ.मृदुला शुक्ल ने महाकवि तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के अखंड रामायण पाठ के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनकी यह रचना सबसे अधिक लोकप्रिय है। रामचरितमानस में धार्मिक दृष्टि के अलावा सामाजिक एवं मानवीय व्यवहार के पाठ भी हैं जिसे विद्यार्थियों को जानना आवश्यक है। डाॅ.सौमित्र तिवारी ने तुलसीदास के जीवन पर प्रकाश डालते हुये कहा कि पूरे विश्व में इनकी रचनाओं का पाठ होता है। रामचरितमानस को पढ़ने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, विद्यार्थियों को इसका लाभ लेना चाहिये। प्रो.राजन यादव ने कविता पाठ के माध्यम से तुलसीदास जी का बखान किया। उन्होंने प्रति वर्ष होने वाले इस आयोजन की जानकारी प्रदान की साथ ही विद्यार्थियों को ऐसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की अपील की।
विनय पत्रिका एवं गीतावली पर आधारित पद गायन प्रतियोगिता संपन्न
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में तुलसीदास रचित विनय पत्रिका एवं गीतावली पर आधारित पद गायन प्रतियोगिता संपन्न हुई। इसके निर्णायक मण्डल के लिए डाॅ.साधना अग्रवाल, पूर्व प्राचार्यएवं साहित्यकार, डाॅ.पूर्णिमा केलकर सहायक प्राध्यापक संस्कृत विभाग एवं जगदेव नेताम सहायक प्राध्यापक गायन विभाग आमंत्रित थे। प्रतियोगिता में आर्य सिद्धांत प्रथम, आर्य सिद्धार्थ द्वितीय एवं समृद्धि तिवारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी तरह श्रुति कौशिक, चांदनी मानिकपुरी एवं आन्या गुप्ता ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किये। अन्य प्रतिभागी किशन साहू, निधि चन्द्रा, समिता मंडावी, यशु तनवरे, दिव्यानी पाण्डेय, कुशाल सेन, तेजेश्वरी जंघेल एवं तेजलाल ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। डाॅ.साधना अग्रवाल ने प्रतिभागियों की प्रशंसा की और कहा कि तुलसीदास जी का लक्ष्य था श्रीराम के चरणों में स्थान प्राप्त करना। अतः हमारा भी लक्ष्य आत्मोन्नति होने चाहिये। डाॅ.पूर्णिमा केलकर ने तुलसी की कवित्त शक्ति पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन सहा.प्राध्यापिका डाॅ.देवमाईत मिंज एवं छात्रा गीतेश्वरी साहू ने किया। कार्यक्रम में चांद शेख, रामेश्वरी, लोभान वर्मा, वर्षा देवांगन, समीरचंद साहू का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम में डाॅ.मंगलानंद झा, डाॅ.कौस्तुभ रंजन, डाॅ.लक्ष्मी श्रीवास्तव के अलावा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।