हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, दुर्गा चौक में चला बुलडोजर

इलाके में बन गया तनावपूर्ण माहौल
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। नगर के सिविल लाइन स्थित दुर्गा चौक क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर प्रशासनिक अमला भारी पुलिस बल के साथ पहुंचा और हाई कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान कई निर्माण तोड़े गए जिससे इलाके में तनावपूर्ण माहौल बन गया। प्रशासन ने बताया कि शिकायत प्राप्त होने और न्यायालय के निर्देश के बाद तय समयावधि पूर्ण होने पर यह कार्रवाई अनिवार्य हुई।
शिकायतकर्ता के आवेदन पर हाईकोर्ट ने दिए थे 45 दिन में कार्रवाई के निर्देश
मामले की शुरुआत दुर्गा चौक निवासी शरद शर्मा की ओर से की गई शिकायत से हुई जिसमें उन्होंने सार्वजनिक मार्ग पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया था। प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई न होने पर मामला हाईकोर्ट पहुंचा जहां से 45 दिनों में अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी हुए। बारिश को देखते हुए प्रशासन ने तीन माह का समय मांगा था जिसके बाद निर्धारित तिथि पर कार्रवाई की गई।
40 साल से रह रहे हैं, फिर भी तोड़ा मकान- पीड़ित कमला बाई की व्यथा
स्थानीय निवासी 70 वर्षीय कमला बाई यादव ने आरोप लगाया कि वे पिछले 40–45 वर्षों से वहीं रह रही हैं और टैक्स के साथ बिजली बिल भी नियमित रूप से भरती हैं। उनका कहना है कि उनके पास भूमि का पट्टा भी मौजूद है बावजूद इसके बुलडोजर चलाया गया। कमला बाई ने पड़ोसी शरद शर्मा पर जमीन हड़पने का आरोप लगाते हुए कहा कि शिकायतें द्वेषपूर्ण मंशा से कराई गई हैं।
केवल अतिरिक्त कब्जा हटाया गया-प्रशासन का पक्ष
मौके पर मौजूद तहसीलदार आशीष देवहारी ने बताया कि कोर्ट के निर्देशानुसार ही कार्रवाई की गई है। जिन लोगों के पास वैध पट्टा है, उनके मूल हिस्से को नहीं छुआ गया है। सिर्फ उतना हिस्सा हटाया गया जो निर्धारित सीमा से अधिक कब्जे में लिया गया था। प्रशासन ने दावा किया कि कार्रवाई तथ्यों और रिकॉर्ड के आधार पर की गई।
यह सार्वजनिक रास्ता है, कब्जा हटना जरूरी था- शिकायतकर्ता ने दी दलील
शिकायतकर्ता शरद शर्मा ने कहा कि यह स्थान सार्वजनिक मार्ग के रूप में दर्ज है जिस पर वर्षों से अवैध रूप से निर्माण कर लिया गया था। उन्होंने कहा, हमने बार-बार शिकायत की लेकिन कार्रवाई न होने पर हाईकोर्ट जाना पड़ा। यह न्याय की जीत है।
गरीबों पर बुलडोजर, रसूखदारों पर क्यों नहीं?-लोगों ने उठाया सवाल
कार्रवाई के बाद क्षेत्र में जनाक्रोश देखने को मिला। स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया कि शहर में कई प्रभावशाली लोगों ने भी सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रखा है लेकिन कार्रवाई हमेशा गरीबों पर ही क्यों होती है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को समान मानकों के साथ अभियान चलाना चाहिए ताकि न्याय का भाव जमीन पर भी दिखे। खैरागढ़ सिविल लाईन के बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले इलाके दुर्गा चौक की इस कार्रवाई ने शहर में अतिक्रमण नीति और प्रशासनिक प्राथमिकताओं पर नई बहस को जन्म दे दिया है। अब निगाहें इस बात पर हैं कि क्या इसी सख्ती के साथ बड़े कब्जाधारियों पर भी बुलडोजर चलेगा यह अमीरी की आड़ लेकर वे लोग हमेशा की तरह बच जाएंगे।