स्वास्थ्य विभाग के लेखापाल पर कार्यवाही नहीं होने से स्वास्थ्य कर्मचारी संघ में बढ़ी नाराजगी

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सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. स्वास्थ्य विभाग के लेखापाल पर कार्यवाही नहीं होने से स्वास्थ्य कर्मचारी संघ में लगातार नाराजगी बढ़ती जा रही है। जानकारी अनुसार लेखापाल पर लगे आरोप को लेकर जांच टीम के द्वारा निर्णय नहीं होने से और मामले में लीपापोती की संभावना को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ रहा है। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला-खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया गया है कि लेखापाल के विरूद्ध गठित जांच टीम भी बिक गई है। इन परिस्थितियों में लेखापाल द्वारा अब कर्मचारियों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से धमकी भी दी जा रही है। ज्ञात हो कि विगत 5 माह पहले सिविल अस्पताल के लेखापाल कमलेश त्रिपाठी पर आया से रूपये लेने के आरोप लगे थे जिस पर शिकायत के बाद निष्पक्ष कार्यवाही के बदले स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों ने मौन धारण कर लिया। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि ऐसा लग रहा है कि इस घोर कलयुग में भ्रष्ट तंत्र में रूपये-पैसों का ही बोलबाला है और चतुर्थ वर्ग के गरीब कर्मचारी की कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। शिकायत के बाद 5 माह से कछुआ गति में चल रही जांच से ऐसा ही लग रहा है। कर्मचारी संघ ने स्वास्थ्य विभाग प्रशासन से प्रश्न किया है कि यह जांच तो सीबीआई या एसीबी लेवल की हो गई है जो कि इतना समय व्यर्थ ही लग रहा है। वह भी सिर्फ इसलिये कि एक गरीब कर्मचारी इस मामले में प्रार्थी है। संघ ने बताया कि मामले में जांच टीम के समक्ष जब आया का साथ देने विभाग के अन्य कर्मचारियों ने आकर अपना बयान दर्ज करवाया तो जांच टीम ने कर्मचारियों को ही वीडियो और कॉल डिटेल मांगी। इस पर संघ ने प्रतिक्रिया दी है कि यह बेहद दुर्भाग्यजनक है कि कोई शासकीय कर्मचारी अपने पद का दुरूपयोग कर किसी अन्य कर्मचारी का शोषण करता है तो क्या वह वीडिया या फिर कॉल रिकार्डिंग करता है और यह क्या न्याय पाने के लिये जरूरी है। मामले में उल्टे अब उन कर्मचारियों को लेखापाल द्वारा डराया धमकाया जा रहा है जिन्होंने मजलूम आया का साथ दिया है वहीं लेखापाल के द्वारा आया का साथ देने वाले कर्मचारियों को ट्रांसफर करने और मारपीट तक की धमकी दी जा रही है। हद यह भी है कि शिकायत और जांच के बीच आरोपी लेखापाल को सीएमएचओ कार्यालय के नवीन जिला के समस्त बजट का कार्य भी सौंप दिया गया है और अब लेखापाल द्वारा बीएमओ और सीएमएचओ कार्यालय दोनों जगह के बजट का काम किया जा रहा है। संघ के द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी और लेखापाल एक ही गांव के हैं और आपस में बहुत अच्छे संबंध है इसलिये मिलीभगत के कारण केाई कार्यवाही नहीं हो रही है। इसकी शिकायत भी विभाग के आलाधिकारियों को मालूम है लेकिन इस तरह चुप्पी साधे रहना उनकी संलिप्तता को भी दर्शाता है। संघ ने यह भी आरोप लगाया है कि जांच टीम के सामने कर्मचारियों के बयान की कोई अहमियत नहीं है तो फिर जांच टीम ने कर्मचारियों को बुलाया ही क्यों। मामले को दबाने के लिये कॉल रिकार्डिंग और वीडियोग्राफी कर्मचारियों से मांगना यह बताता है कि जांच को किस दिशा में ले जाया जा रहा है। अगर किसी के पास कॉल रिकार्डिंग या वीडियो होता तो वह सीधे थाने, न्यायालय या मीडिया की शरण में नहीं चले जाता फिर जांच टीम की आवश्यकता ही क्या रह जाती। मामले में न्यायपूर्वक कार्यवाही नहीं होने पर अब बढ़ती नाराजगी के बीच कर्मचारियों ने संगठन के मार्फत आने वाले दिनों में उच्च स्तरीय शिकायत व आंदोलन का भी मन बनाया है।

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