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सीमेंट परियोजना के विरोध और किसानों के पक्ष में खैरागढ़ विधायक ने ली पत्रवार्ता

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। खैरागढ़–छुईखदान–गंडई जिले के संडी क्षेत्र में प्रस्तावित 404 हेक्टेयर भूमि पर चूना पत्थर खदान परियोजना को लेकर ग्रामीणों और किसानों में भारी आक्रोश है। परियोजना को लेकर हो रहा है भारी विरोध के बीच खैरागढ़ विधायक श्रीमती यशोदा नीलांबर वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा। कॉन्फ्रेंस में उनके साथ प्रभावित क्षेत्र के वरिष्ठ नेता एवं समाज से भी मोतीलाल जंघेल, गोकुल चंदेल,मन्नू चंदेल, संजू चंदेल, संतोष यदु, बलदाऊ जंघेल, ज्ञानेंद्र जंघेल, जगेश्वर साहू, ललित साहू,भूपेंद्र वर्मा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता नीलांबर वर्मा मनराखन देवांगन, डॉ.अरुण भारद्वाज, पालिका के नेता प्रतिपक्ष दीपक देवांगन सहित जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

सीमेंट परियोजना के विरोध में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनप्रतिनिधियों ने मुखर होकर अपना विरोध प्रकट किया और कहा कि श्री सीमेंट कंपनी द्वारा प्रतिवर्ष 8.991 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जिससे संडी, पंडरिया, बुंदेली, विचारपुर, भरदागोड़ सहित 30 से अधिक गांवों पर व्यापक प्रभाव पड़ने की आशंका है। ग्रामीणों के पक्ष में विधायक ने आरोप लगाया कि खदान संचालन के लिए पर्यावरणीय मानकों, ध्वनि स्तर, वायु गुणवत्ता, जैव–विविधता और वन्य जीवों पर प्रभाव का समुचित वैज्ञानिक आकलन नहीं किया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि खदान शुरू होने से भू–जल स्तर पर गंभीर असर पड़ेगा, खेती योग्य जमीन नष्ट होगी तथा धूलधूसरित वातावरण से स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ेंगी।
परियोजना से केवल 138 लोगों को नौकरी देने का दावा किया गया है जबकि हजारों किसानों की निजी भूमि और जीविका पर संकट मंडरा रहा है। आसपास के गांवों में सड़क, पानी और हवा से जुड़ी पर्यावरणीय क्षति की आशंका भी व्यक्त की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि कंपनी द्वारा पूर्व तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं जबकि जनसुनवाई पर निर्णय अभी लंबित है। स्थानीय प्रतिनिधि और ग्रामीणों ने सरकार से जनभावनाओं का सम्मान करते हुए 11 दिसंबर को प्रस्तावित जनसुनवाई तत्काल रद्द करने और परियोजना पर पुनर्विचार करने की मांग की है।

विधायक यशोदा वर्मा ने पत्र वार्ता के दौरान सीमेंट परियोजना के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि परियोजना को आनन-फानन में प्रारंभ करने सरपंचों को नजर बंद करने की कोशिश की जा रही है। छुई खदान में श्री सीमेंट के रसूखदार लोग बैठकर अपनी रणनीति के अनुसार काम कर रहे हैं और प्रशासन उनके साथ दे रहा है। किसानों पर लाठी चार्ज करना प्रशासनिक आतंकवाद का ही उदाहरण है। अब तक प्रभावित क्षेत्र के पंचायत से एनओसी भी नहीं ली गई है। विधायक ने किसानों का पक्ष रखते हुए यह भी कहा कि जो लोग परेशान थे उन्होंने आर्थिक तंगी के कारण अपनी जमीन बेची हैं और कहा कि एक उद्योगपति को लाभ पहुंचाने के लिए भाजपा की साय सरकार पूरी शिद्दत से जुटी हुई है। विधायक ने अपने खिलाफ वायरल हुए वीडियो को लेकर सफाई देते हुए कहा कि लगभग 2 साल पहले दिए गए इंटरव्यू के वीडियो को एडिट करके उनके खिलाफ साजिश के तहत वीडियो वायरल किया जा रहा है। विधायक ने कहा कि शासन और प्रशासन अन्नदाता किसानों की बात सुने और उनके हित में ही फैसला लेकर परियोजना को रद्द करें और जनसुनवाई को तत्काल आगे बढ़ाया जाए।

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