10 दिवसीय साहसिक शिविर का हिमाचल प्रदेश में हुआ समापन
सत्यमेव न्यूज़/डेस्क. युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार राष्ट्रीय सेवा योजना क्षेत्रीय निदेशालय एवं छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ के निर्देशानुसार वर्ष 2022 के लिए साहसिक शिविर रासेयो स्वयंसेवकों की भागीदारी, अटल बिहारी वाजपेई माउंटेनियरिंग इंस्टिट्यूट मनाली हिमाचल प्रदेश के साहसिक केन्द्र धर्मशाला में संपन्न हुआ जहाँ छत्तीसगढ़ राज्य के तीन विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई की संगठन व्यवस्था में, यूनिवर्सिटी कोऑर्डिनेटर डॉ.डीएस रघुवंशी के निर्देशन में तृतीय दल 21 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक 10 पुरुष एवं 10 महिला स्वयंसेवकों के साथ 01 पुरुष तथा 01 महिला कार्यक्रम अधिकारी ने सहभागिता दिलाई. तृतीय दल की प्रभारी सुश्री अंशु प्रीति कुजूर रासेयो कार्यक्रम अधिकारी, शासकीय पॉलीटेक्निक खैरागढ़ एवं डॉ.भूमिराज पटेल रासेयो कार्यक्रम अधिकारी शासकीय इंदिरा गांधी महाविद्यालय वैशाली नगर दुर्ग रहे.
साहसिक शिविर धर्मशाला के इस आयोजन में सीएसवीटीयू भिलाई के 8 स्वयंसेवक, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के 8 स्वयंसेवक तथा शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर, जगदलपुर के 4 स्वयंसेवक सम्मिलित हुए. प्रशिक्षकों द्वारा छात्रों के व्यक्तित्व में साहस, जोश, कर्मठता, निडरता जैसे गुणों का विकास करने शिविर दिनचर्या में रस्सी और रस्सियों के प्रकार तथा रस्सी से अलग अलग तरह के गाठों जैसे- थंब गांठ, बॉ लाइन गांठ, गाइड मैन गांठ, मिडिल मैन गांठ, एंड मैन गांठ, फिगर ऑफ एट गांठ, क्लोव हिच, हैंड कफ, ज्वाइनिंग गांठ, रीफ़ गांठ, इटालियन हिच बनाना सिखाया गया. रीजनल माउंटेनियरिंग सेंटर की सीनियर माउंटेनियरिंग सुपरवाइजर श्रीमती अनुजा अवस्थी ने RMC के 1961 में अस्तित्व में आने के इतिहास को स्वयंसेवकों को बताया.
उन्होंने कहा – जीवन में अनुशासन और समय पाबंध का होना नितांत आवश्यक है. Wall Climbing/Rock Climbing Session के दौरान Theory, Demo Class और प्रैक्टिकल क्लास के द्वारा स्वयंसेवकों एवं कार्यक्रम अधिकारियों को Wall Climbing की प्रैक्टिस कराई गई तथा माउंटेन मैनर्स के बारे में बताया. Rappelling की सैद्धांतिक, Demo व Practical कक्षाएं हुई जिसमें इसके तकनीकों, सावधानियों एवं महत्वों को बताया गया. Regional Mountaineering Centre Dharamkot से 15 किमी की दूरी पर स्थित Nauhali Camp (नौहाली कैंप) में रिवर क्रॉसिंग तकनीक, कैंपिंग हाइजीन, टेंट के प्रकार तथा टेंट लगाने के गुर सिखाए गए.
करेरी झील जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 3110 मीटर तथा नौहाली कैंप से दूरी लगभग 15 किमी है, ऊंचे -ऊंचे पहाड़ियों की लंबी यात्रा कर स्वयंसेवकों ने स्वयं में निहित अदम्य साहस एवं ऊर्जा का अनुभव किया और मन के भय को दूर किया. साहसिक शिविर तृतीय दल ने हिमाचल प्रदेश के स्थानीय शहर धर्मशाला के दलाई लामा मन्दिर, कुणाल पथरी माता मंदिर के दर्शन किए, स्थानीय संस्कृति, भाषा, वेशभूषा, पर्यटन स्थल आदि का भ्रमण कर हिमाचल संस्कृति और प्रकृति की सुंदरता को अनुभव किया. अंतिम दिवस के समापन समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ के शिविरार्थियों ने छत्तीसगढ़ की छटा बिखेरी एवं प्रशिक्षक श्याम, मनोज एवं शिवानी ने सभी शिविरार्थियों को बैच पहनाकर दस दिवसीय साहसिक शिविर का समापन किया.