सहकारी समिति के कर्मचारियों को नहीं मिला चार माह से वेतन

आर्थिक तंगी के कारण मानसिक संताप से गुजर रहे कर्मचारी

शासन से अब तक नहीं हो पाया है कमीशन राशि का भुगतान

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. धान खरीदी केन्द्र में कार्यरत कर्मचारियों को बीते चार माह से वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों को आर्थिक तंगी के कारण मानसिक संताप से गुजरना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि जीरो शार्टेज के बाद भी समितियों को शासन द्वारा निर्धारित कमीशन की राशि का भुगतान अब तक नहीं किया गया है जिसके चलते सभी समितियों के कर्मचारियों को भुगतान नहीं हो पाया है और भुगतान प्राप्त नहीं होने के कारण समिति में कार्यरत कर्मचारी न केवल आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं बल्कि आर्थिक समस्याओं के कारण समिति कर्मचारियों के साथ उनके परिवार को भी जीवन-यापन की समस्याओं के बीच मानसिक संताप के दौर से गुजरना पड़ रहा है.

नये जिले की 7 शाखाओं के 38 समितियों में कार्यरत हैं सैकड़ो कर्मचारी

नये जिले खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की 7 शाखाओं में कुल 38 समितियों का संचालन होता है जहां सैकड़ों कर्मचारी कार्यरत है. इन समितियों में धान खरीदी प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात 5 माह बाद भी मिलने वाली कमीशन की राशि का भुगतान नहीं किया गया है. एक-दो समितियों को छोडक़र अन्य सभी समितियों में चार माह से अधिक समय से कर्मचारियों के वेतन का भी भुगतान नहीं हो पाया है. समिति के कर्मचारियों द्वारा मामले की जानकारी जिला कार्यालय सहित संबंधित अधिकारियों को कई बार दी जा चुकी है इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से कर्मचारी परेशान हो गये हैं.

जिलाधीश के आश्वासन के बाद भी नहीं मिल पाया है दो साल का कमीशन

समिति कर्मचारियों की तकलीफ के बीच आश्चर्यजनक बात यह भी है कि दो माह पहले राजनांदगांव कलेक्टर ने इस बात का आश्वासन दिया था कि सत्र 2020-21 व सत्र 2021-22 के कमीशन की राशि शीघ्र ही कर्मचारियों को मिल जायेगी, इसके लिये धान खरीदी के दौरान समिति में हुये शॉर्टेज की भरपाई करने के लिये भी आदेश जारी किया गया था, शॉर्टेज को लेकर समितियों ने भरपाई तो कर दी है लेकिन अविभाजीत राजनांदगांव जिले के कलेक्टर के आश्वासन के बाद भी समितियों को प्राप्त होने वाली कमीशन की राशि का आज पर्यन्त तक भुगतान नहीं हो पाया है. दूसरी ओर समिति के कर्मचारी जब सहकारी बैंक राजनांदगांव समस्या लेकर जाते हैं तब उन्हें डीएमओ के पास भेज दिया जाता है और जब डीएमओ से भुगतान की राशि की मांग की जाती है तो कमीशन की राशि बैंक में होने का हवाला दिया जाता है. अब इन समस्याओं के बीच कमीशन की राशि का झोलझाल रहस्य बनकर खड़ा हो गया है.

समितियों पर अब 5 वाहनों के किराये का कर्ज भी

जिले के सभी समितियों में अब 5 वाहनों के किराये का भी कर्ज चढ़ गया है. ज्ञात हो कि नये जिले के उद्घाटन समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री की सभा के लिये नये जिले की सभी समितियों से 5-5 वाहनों की व्यवस्था बनाने निर्देश दिया गया था जिससे किसानों को सभा स्थल तक लाया जा सके. समितियों के द्वारा निर्देश का पालन करते हुये वाहनों की व्यवस्था कर किसानों की भीड़ लायी गई थी लेकिन उक्त वाहनों के किराये की राशि का भुगतान भी अब तक नहीं हो पाया है. बता दे कि समितियों से लापरवाही पूर्वक धान का उठाव होने के बाद भी जिला सहकारी बैंक सहित डीएमओ के द्वारा समितियों को जीरो शार्टेज का टारगेट दिया गया. सभी समितियों में धान की शार्टेज नहीं होने से इस बार 10 लाख रूपये से अधिक की कमीशन राशि का भुगतान होना है लेकिन अब तक समितियों को उक्त राशि का भुगतान नहीं किया गया है जिससे समिति के कर्मचारी आर्थिक तंगी के साथ मानसिक व्याधि से जूझ रहे हैं.

समितियों को कमीशन की राशि नहीं मिलने से कर्मचारियों को हो रही परेशानी की जानकारी मिली हैं, कमीशन राशि के शीघ्र भुगतान को लेकर मुख्यमंत्री सहित प्रभारी मंत्री से चर्चा करूंगी.

यशोदा नीलाम्बर वर्मा, विधायक खैरागढ़

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