सरपंच ने एकतरफा कार्यवाही कर महिला का मकान तोड़ा, न्याय की मांग लेकर कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठी पीडि़ता

पीडि़ता ने कहा- कहीं न्याय नहीं मिल रहा इसलिये गांधी जी के रास्ते भूख हड़ताल कर रही

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. पंचायत द्वारा बल पूर्वक मकान तोड़े जाने के बाद न्याय नहीं मिलने से पीडि़त व नाराज महिला कलेक्ट्रेट के सामने भूख हड़ताल शुरू कर धरने पर बैठ गई है. सुबह तकरीबन 10:30 बजे से हाथ में तख्ती लिये भूख हड़ताल कर रही 35 वर्षीय झम्मन बाई भारती पति स्व.किशन भारती का कहना है कि ग्राम पंचायत सहसपुर की सरपंच श्रीमती फुलेश्वरी अनुज पटेल के द्वारा उसके मकान को बलपूर्वक तोड़ दिया गया है. घटना आज से 6 माह पहले 2 मई 2022 की है जब पंचायत ने बलपूर्वक जेसीबी बुलवाकर बेवा व निराश्रित महिला जो अपने चार नाबालिग बच्चों सहित किसी तरह मकान बनाकर रह रही थी तोड़वा दिया गया. पीडि़ता के पास मकान तोड़े जाने के समय का वीडियो भी मौजूद है जिसे दिखाकर वे बता रही हैं कि जब वह काम से बाहर गई थी तो 2 मई की सुबह सरपंच द्वारा उसकी बिना जानकारी व धोखे से मकान को तोड़वाया गया.

महिला की गैर मौजूदगी में पंचायत द्वारा मकान का ताला तोडक़र व सामान जप्त कर लिया गया फिर बुल्डोजर चलाकर मकान को तोड़ा गया. सरपंच द्वारा गैर कानूनी तरीके से उसके सोने-चांदी के आभूषण, रूपये व सामान जप्त किया गया तथा अब तक वापस नहीं किया गया है. इस बात की शिकायत उसने प्रशासन के सभी अधिकारियों सहित खैरागढ़ विधायक यशोदा नीलाम्बर वर्मा व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी मांग की थी जिसके बाद कलेक्टर मुख्यमंत्री जन चौपाल शाखा राजनांदगांव द्वारा पीडि़ता को आर्थिक सहायता प्रदाय करने के लिये पत्र भेजा गया वहीं दूसरी बार मुख्यमंत्री सचिवालय मंत्रालय महानदी भवन से पुन: आर्थिक सहायता प्रदान करने पत्र भेजा गया लेकिन अब तक उसे कोई सहायता नहीं मिली. इस बीच खैरागढ़ नवीन जिला निर्माण के बाद पीडि़ता ने एसडीएम छुईखदान को दो बार लिखित में आवेदन दिया वहीं कलेक्टर खैरागढ़ को भी आर्थिक सहायता प्रदान करने दो बार लिखित में आवेदन दिया गया लेकिन उक्त आवेदनों पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई. पीडि़ता का कहना है कि उसने हर बार आवेदन में न्याय की मांग करते हुये धरना प्रदर्शन करने की बात कही थी और आखिर में तंग आकर कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार के सामने भूख हड़ताल करते हुये धरना प्रदर्शन कर रही है. पीडि़ता ने धरना प्रदर्शन करने के लिये कलेक्टर खैरागढ़ को लिखित में अनुमति भी मांगी जिसमें उसने कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर ग्राम पंचायत सहसपुर, ग्राम नवागांव घाट के पटवारी, एसडीएम छुईखदान व कलेक्टर खैरागढ़ के विरूद्ध धरने पर बैठने की बात कही है और कहा है कि जब तक उसे आर्थिक सहायता नहीं मिल जाती वह धरना प्रदर्शन करती रहेगी.

जातिगत कारणों से तोड़वा दिया मकान

पीडि़त झम्मन बाई का कहना है कि वह निराश्रित है तथा उसके दो पुत्र व दो पुत्रियां है, सरपंच ने जातिगत दुर्भावना के कारण उसका मकान तोड़वाया है. पीडि़ता का आरोप है कि सरपंच व कुछ ग्रामीण इस बात को लेकर पीड़ा में थे कि सतनामी समाज की कोई महिला गांव के बीच में नहीं रह सकती. पीडि़त महिला का कहना है कि उसने गांव की आबादी भूमि में तकरीबन 1 डिस्मिल जमीन पर कब्जा कर जीवन-यापन के लिये मकान बनवाया था लेकिन दुर्भावनावश पंचायत ने उसे तोड़वा दिया जबकि उसी आबादी भूमि में लगभग 20 से अधिक परिवार कब्जा कर मकान बनाकर रह रहे हैं. सरपंच ने एक साल पहले दुर्भावनावश 350 रूपये प्रति माह मिलने वाली पेंशन को भी बंद कर दिया है, बहुत निवेदन करने के बाद आधा सामान लौटाया उसमें भी कुछ सोने व चांदी के छोटे-छोटे जेवर को सरपंच ने वापस नहीं लौटाया.

मान मनव्वल के लिये कलेक्टर ने भेजा मातहत अधिकारियों को

सुबह से भूख हड़ताल व धरने पर बैठी झम्मन बाई के मान मनव्वल के लिये कलेक्टर डॉ.जगदीश सोनकर ने अपने मातहत अधिकारियों को भेजा, इस बीच कुछ समाजसेवी भी महिला की मदद के लिये उसके पास पहुंचे. एनसीडब्ल्यूसी के प्रदेश अध्यक्ष नदीम मेमन पीडि़त महिला के पक्ष में कलेक्टर से बात करने पहुंचे वहीं पीडि़त महिला के साथ उसके पिता कन्हैया मांडले व रिश्तेदार धनेश कंटाले सहित समाज के उमेश कोठले व मनोहर बोरकर भी पीडि़ता की मदद के लिये सामने आये. पहले जिलाधीश की प्रतिनिधि के रूप में डिप्टी कलेक्टर आभा तिवारी पहुंची थी फिर एसडीएम प्रकाश सिंह राजपूत भी पहुंचे वहीं कलेक्टर ने भी महिला के परिजनों से बात की लेकिन बात नहीं बनी, अंतत: एसडीओपी श्री मोहले भी महिला को समझाने पहुंची लेकिन खबर लिखे जाने तक देर रात महिला कलेक्ट्रेट के सामने मुझे न्याय चाहिये, जय हिंद की तख्ती लेकर सुबह से बिना कुछ खाये-पीये धरना दे रही है.

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