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वसूली को लेकर विद्युत विभाग का दोहरा रवैया: सरकारी दफ्तरों पर मेहरबानी और आम जनता पर बरत रहे सख़्ती

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. विद्युत बिल की वसूली को लेकर विद्युत विभाग का दोहरा रवैया सामने आ रहा है। विभाग सरकारी दफ्तरों पर मेहरबानी बरत रहा और आम जनता पर सख़्ती, ऐसे में अब यह बात कही जा रही है कि क्या विद्युत वितरण कंपनी आम लोगों के हिमायत के लिए नहीं है। इन दिनों आम लोगों के जो विद्युत वितरण कंपनी के उपभोक्ता है के विद्युत कनेक्शन को लगातार बेरहमी से कट रही है वहीं सरकारी दफ्तरों का 19.60 करोड़ रुपये का बिल बकाया लेकिन इस दिशा में कोई भी सार्थक कार्रवाई विभाग के अफसर के द्वारा नहीं की जा रही है और बताया जा रहा है कि सरकारी विभाग से विद्युत बिल की वसूली करने कंपनी के अफसरों के हाथ-पाँव फूल रहे है। इस मामले को लेकर बिजली विभाग का खेल देखिए सरकारी दफ्तरों पर 19.60 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है लेकिन कनेक्शन काटने की हिम्मत नहीं है वहीं दूसरी ओर आम जनता पर बिजली विभाग ऐसा टूटा कि 38,638 गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं के कनेक्शन एक झटके में काट दिये गये। अगर कोई आम उपभोक्ता बिजली बिल भरने में देरी कर दे तो तुरंत कनेक्शन काटने की धमकी मिलती है लेकिन सरकारी विभागों पर वसूली के लिये केवल नोटिस-नोटिस का खेल खेला जा रहा हैं। कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं नवंबर 2024 में सरकारी विभागों पर 17 करोड़ रुपये बकाया था जो अब 19.60 करोड़ रुपये तक पहुंच गया लेकिन रहम-परस्ती ऐसी कि एक भी सरकारी दफ्तर की बिजली गुल नहीं हुई और बिजली विभाग के नोटिस सरकारी अलमारियों में धूल खा रहे हैं।

पाठकों को बता दें कि कई सरकारी विभागों पर लाखों करोड़ों रुपए का बिजली बिल बकाया है जिनमें ग्राम पंचायत नलजल 9.03 करोड़, नगरीय निकाय नलजल 4.93 करोड़, नगरीय निकाय सड़कबत्ती 1.39 करोड़,पुलिस विभाग 1.07 करोड़, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य 71 लाख, महिला एवं बाल विकास 25 लाख, जल संसाधन विभाग 21 लाख, वन विभाग 15 लाख, स्कूल शिक्षा 14 लाख और कई अन्य विभागों पर लाखों रुपये बकाया है।

आम जनता से 2 करोड़ की ताबड़तोड़ वसूली और सरकारी विभागों पर रहम

विद्युत विभाग ने गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं पर विद्युत कनेक्शन कट करने जमकर डंडा चलाया है। 38,638 उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे गये है जिससे दहशत फैल गई है और डर के मारे 11,533 उपभोक्ताओं ने तुरंत 2 करोड़ 10 लाख रुपये कंपनी के खाते में जमा कर दिये। बिजली विभाग मोर बिजली ऐप और हाफ बिजली बिल योजना का प्रचार कर रहा है लेकिन सरकारी विभागों को फ्री में बिजली दे रहा है अगर आम लोगों को बिजली बिल न भरने पर तत्काल सजा दी जा सकती है तो सरकारी दफ्तरों की बिजली क्यों नहीं काटी जाती। क्या अफसरों के लिये अलग नियम हैं और जनता के लिए अलग। क्या सरकार जागेगी या फिर लगातार जनता ही विद्युत विभाग का टारगेट बनी रहेगी।

Satyamev News

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