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शिक्षा

शिक्षक महदीप जंघेल को मिला राज्यपाल पुरस्कार

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितंबर को रायपुर के राजभवन में शासकीय प्राथमिक शाला टेकाडीह के नवाचारी शिक्षक महदीप जंघेल को राज्यपाल शिक्षक सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया। उक्त पुरस्कार राज्यपाल रमेन डेका व मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के हाथों प्रदान किया गया। शिक्षक महदीप को यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिये प्रदान किया गया है। उनके प्रयास से शासकीय प्राथमिक शाला टेकाडीह में 2017 से वर्तमान तक जवाहर उत्कर्ष योजना के अंतर्गत 9 बच्चों का चयन 6वीं से 12वीं पढ़ने के लिये निःशुल्क हुआ है। 2020 में राजनांदगांव जिले के अनुसूचित जाति के निर्धारित 5 सीट में 4 बच्चों का चयन प्राथमिक शाला टेकाडीह से हुआ था जिसमें शिक्षक श्री जंघेल का महत्वपूर्ण एवं उत्कृष्ट योगदान था। वर्तमान में सभी बच्चे राजनांदगांव शहर के दिल्ली पब्लिक स्कूल, संस्कार सिटी इंटरनेशनल स्कूल जैसे बड़े स्कूलों में अध्ययन कर रहे हैं। 8 वर्षाे तक शाला प्रभारी के रूप में कार्य करते हुए अपने स्कूल में बेहतर शाला प्रबंधन के लिए, शिक्षा के क्षेत्र में शासकीय योजनाओं का सफल क्रियान्वयन, अध्ययन अध्यापन में विशेष नवाचार करने एवं उत्कृष्ट शैक्षिक, सामाजिक कार्य करने वर्ष 2017 में राजनांदगांव में मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण शिक्षादूत सम्मान से सम्मानित किया गया था। शिक्षक महदीप जंघेल को उनके शैक्षिक, सामाजिक, शाला प्रबंधन, समुदाय के जुड़ाव एवं सांस्कृतिक कार्याें में उत्कृष्ट योगदान के लिए 2017 में मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण शिक्षादूत सम्मान, 2017 में ही गोलछा ट्रस्ट दनिया की ओर से शिक्षा श्री सम्मान, 2019 में डीएफओ एवं डीईओ राजनांदगांव के हाथों उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, 2020 में भी शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया है। पालकों एवं समुदाय को शाला से जोड़ने के उद्देश्य से उन्होंने अनेक सफल प्रयास किया है जिसमें शाला में पालकों का खेलकूद कराना, गीत-संगीत के साथ जोड़ना, वार्षिकोत्सव का आयोजन, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन आदि का बेहतर कार्य किया है। इन्होंने पहली से 5वीं कक्षा में हिंदी और अंग्रेजी की कविताओं को छत्तीसगढ़ी लोकगीत के माध्यम से सीखने- सीखाने का बेहतर नवाचार करते हैं। कक्षा को रुचिकर बनाने एवं बेहतर वातावरण के लिए सुआ, कर्मा, बसदेवा, जसगीत, जवांरा, बिहाव गीत, भड़ौनी गीत, लोकगीत, पंडवानी, राउत नाचा आदि के तर्ज पर हिंदी पाठ की कविताओं को रोचक ढंग से कक्षा में बच्चों के साथ प्रदर्शन करते हैं जिससे बच्चे आसानी से और रोचक ढंग से सीखते हैं। डाइट खैरागढ में हिंदी की कहानियों को छत्तीसगढ़ी भाषा में अनुवाद करने का उल्लेखनीय कार्य भी किये है। एससीईआरटी रायपुर में छत्तीसगढ़ी भाषा में पुस्तक लेखन कार्य में अपना अमूल्य योगदान देने वाले शिक्षक महदीप जंघेल को खैरागढ़ एवं छुईखदान के कई संस्थाओं ने सम्मानित किया है। स्काउट गाइड के क्षेत्र में भी स्काउट मास्टर के रूप में इन्होंने विकासखण्ड, जिला एवं राज्य जाँच शिविर में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। इनके माध्यम से दो बच्चे राज्यपाल परीक्षा पास कर चुके हैं। अपने स्कूल के बच्चों को विभाग की ओर से प्रति वर्ष होने वाले बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता के संकुल स्तर से जिला स्तर तक खेल में प्रोत्साहित करके उन्हें शामिल करना एवं संकुल, विकासखंड, जिला स्तर में योगा, कबड्डी रेफरी एवं मैनेजर के रूप में तथा रात में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता देते आ रहे हैं। शिक्षक महदीप जंघेल रूम टू रीड, विषय आधारित प्रशिक्षण, कला प्रशिक्षण आदि में प्रशिक्षक के रूप में कार्य कर चुके हैं तथा वर्तमान में एफएलएन कार्यक्रम में अभी केसीजी जिला के डीआरजी के रूप में जोन स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। कला प्रशिक्षण 2016 डाइट रायपुर में स्रोत व्यक्ति के रूप में कार्य किये हैं एवं मॉड्यूल तैयार कर पुस्तक लेखन पर उत्कृष्ट कार्य किये हैं। डाइट खैरागढ़ की ओर से सुंदरलाल शर्मा जी की जीवनी को पंडवानी शैली में यूरोपियन कमीशन के कार्यक्रम रायपुर में प्रस्तुति दी गई जिसमंे तबला वादन में योगदान दिये है। कोरोना काल में शिक्षक श्री जंघेल ने गांव में जाकर ऑनलाइन क्लास लेकर बच्चों को शिक्षण प्रदान किया है तथा टीकाकरण महाअभियान में आसपास के गांवों में टीकाकरण के कार्यों में अपना बहुमूल्य सेवा प्रदान किये हैं जिसके लिए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) खैरागढ की ओर से कोरोना योद्धा सम्मान 2021 से सम्मानित हुए है। शिक्षण के दौरान कक्षा में आकर्षक शिक्षण सामाग्रियों का बेहतर उपयोग करके अध्ययन अध्यापन कराते है। अनेक सामाजिक संस्थाओं के साथ जुड़कर पर्यवारण, वृक्षारोपण, स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये हैं।

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