सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. जिला पंचायत राजनांदगांव के सहकारिता विभाग के सभापति विप्लव साहू ने सभी शासकीय कर्मचारियों के बच् चों को सरकारी स्कूल और संस्थानों में ही एडमिशन कराने और अध्ययन कराने का निर्देश देने मुख्यमंत्री के नाम जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में विप्लव साहू ने बताया कि हमारे प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को लेकर तमाम तरह की गतिविधियां चलती रहती है परंतु शिक्षा का स्तर बेहद खराब है और स्तर वह नहीं है जिस पर गर्व किया जा सके, शासकीय स्कूलों में पढ़ाई का स्तर दिनोंदिन खराब हो रहा है. हालांकि आत्मानंद स्कूल ओपन करने के माध्यम से सुधार के लिए प्रयासरत हैं लेकिन व्यवहारिक रूप से स्कूलों में निरीक्षण के दरमियान एक भी छात्र-छात्रा ऐसे नहीं थे जिनके माता-पिता सरकारी नौकरी में हो यानी कि जितने भी शासकीय कर्मचारी हैं वह अपने बच् चों को निजी स्कूल में पढ़ाते हैं.
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इसका अभिप्राय यह है कि उन टीचर्स को स्वयं अपनी पढ़ाई पर भरोसा नहीं है. अधिकारी स्वयं उदासीन है, स्कूली व्यवस्था की सुधार को लेकर जब कर्मचारी अपने अधिकारों को लेकर धरना और हड़ताल करते हैं तो अपने कर्तव्यों के प्रति उन्हें समर्पित रहना ही चाहिए. प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के सभी विभागों के शासकीय कर्मचारी को उनके बच्चे को शासकीय स्कूल में ही पढ़ाने का निर्देश और आदेश जारी करना आवश्यक प्रतीत होता है. केरल और दिल्ली जैसे राज्यों में हुये प्रयोग, इसकी सफलता के परिचायक हैं. सरकार को जनहित में उक्त कठोर लेकिन परिर्वतनकारी निर्णय लेने से नहीं हिचकिचाना चाहिये. छात्रों और युवाओं के साथ, राज्यहित के साथ शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव के लिए यह निर्णय लेना अति आवश्यक है.