दूरसंचार सलाहकार समिति की प्रथम बैठक में सुविधा का दिया सुझाव
खैरागढ़. दूरसंचार सलाहकार समिति की पहली बैठक में समिति के सदस्य भागवत शरण सिंह ने दुर्ग प्रचालन क्षेत्र के महाप्रबंधक को वांछनीय व आवश्यक सुझाव प्रेषित की गई. 18 अगस्त को आयोजित बैठक में नवगठित खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 4 जी सुविधा विस्तार के साथ ही अन्य आवश्यक सुविधाओं के विस्तार के लिये सुझाव प्रेषित किया गया. भागवत शरण सिंह ने दिये गये सुझाव पत्र में कहा कि बीएसएनएल की 4 जी सुविधा के लिये गांतापार, साल्हेवारा, सहसपुर, घिरघोली, पैलीमेटा, नचनिया और पिपरिया को चयनित किया गया है. उक्त स्थलों के साथ ही खैरागढ़ शहर के दाउचौरा, बख्शी मार्ग, राजफैमिली, अमलीपारा, सिविल लाइन, गोलबाजार, टिकरापारा जैसे इलाकों के साथ ही शहरी आबादी वाले मुख्यालय छुईखदान, गंडई, बाजार अतरिया, जालबांधा, पांडादाहा, मुढ़ीपार को 4 जी सुविधा विस्तार की सूची में शामिल करना वांछनीय व आवश्यक है. विभाग में संचालित बैटरी भी 2016 से संचालित है जिनकी लाइफ लगभग एक्सपायर हो चुकी है. विभाग में नई बैटरी की आवश्यकता है.
सुविधा के लिहाज से 4 जी आवश्यक
भागवत शरण सिंह ने कहा कि यूजर्स के दृष्टिकोण से शहरी आबादी व बड़े ग्रामीण आबादी को फौरी तौर पर 4 जी सुविधा प्राप्त होना आवश्यक है क्योंकि चिन्हांकित शहरी क्षेत्र व ग्राम मुख्यालयों में बीएसएनएल यूजर्स की संख्या अधिक है. कनेक्टिविटी के लिहाज से भी शिक्षा व अन्य तकनीकी सुविधाओं के लिये इन मुख्यालयों में 4 जी सुविधा होना अत्यावश्यक है. फिलहाल खैरागढ़, छुईखदान, गंडई, जालबांधा, पांडादाहा, मुढ़ीपार में 3 जी व उदयपुर, अतरिया में 2 जी सुविधा है जो आवश्यकता के लिहाज से अपर्याप्त है. श्री सिंह ने कहा कि फाइबर ऑप्टिकल कनेक्टिविटी के लिये चिल्फी, पैलीमेटा क्षेत्र को चयनित किया गया है. सुविधा के लिहाज से नवगठित खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के शेष बचे शहर मुख्यालयों व ग्राम मुख्यालयों को भी फाइबर ऑप्टिकल सुविधा से जोड़ा जाना श्रेयस्कर होगा.
जिले के लिये डीई हेडक्वार्टर भी आवश्यक
नवगठित जिले की आवश्यकताओं को देखते हुये अन्य जिलों की तरह जिले में डीई हेडक्वार्टर खोला जाना भी आवश्यक है, क्योंकि जिले के साथ ही खैरागढ़ में एशिया का प्रथम इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय भी मौजूद है. खैरागढ़ बीएसएनएल कार्यालय में जरूरी स्टाफ की भी अत्यंत आवश्यकता है क्योंकि वर्तमान में विभाग में पूरी व्यवस्था एसडीओ और संविदा जेटीओ के भरोसे संचालित है.