विश्व पर्यावरण दिवस पर ब्रह्मकुमारी में अतिथियों ने किया पौधारोपण
सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय केंद्र किल्लापारा में पौधारोपण का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में अतिथि के रूप में दूरसंचार सलाहकार समिति के सदस्य व निर्मल त्रिवेणी महाअभियान के संस्थापक भागवत शरण सिंह, बीएमओ डॉ.विवेक बिसेन, रेंजर एके दुबे, चिकित्सक डॉ.आकाश कन्नौजे, डॉ.प्रशांत झा व डॉ.किरण झा सहित अन्य मौजूद रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुये टीएसी सदस्य भागवत शरण सिंह ने कहा कि आध्यात्म और प्रकृति का बड़ा ही करीब का नाता है.
खासकर भारत की समृद्ध संस्कृति में हर पल पर्यावरण संरक्षण की झलक है फिर चाहे पौधों में पानी देना हो या नदियों का सम्मान. हमें उस संस्कृति को पुनर्जागृत करने की आवश्यकता है तभी हम इस संसार को बचा पाएंगे अन्यथा ज्यादा समय नहीं बचा है. बीएमओ डॉ.विवेक बिसेन ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत छिन्न-भिन्न हुई जिसका असर हम सब पर पड़ा है. लॉर्ड मैकाले ने संस्कृति और शिक्षा पर प्रहार कर देश को गुलाम बनाने की नींव रखी. डॉ.बिसेन ने कहा कि हमें अपनी जीवन शैली में संरक्षण के संस्कार को ढालना होगा.
रेंजर एके दुबे ने वन विभाग के प्रयासों को सामने रखा और कहा कि भले ही कम पौधे लगाएं पर उन्हें संरक्षित करें. डॉ.आकाश कन्नौजे ने कहा कि हमें जल्दी करना होगा क्योंकि हालात अगर यही रहे तो कुछ भी नहीं बचेगा, सभी को अपने हिस्से का काम करना होगा. डॉ.प्रशांत झा ने प्रकृति संरक्षण से लेकर समाज में प्रत्येक सकारात्मक बदलाव के लिये समग्र प्रयासों पर बल दिया. इस दौरान अतिथियों द्वारा परिसर के बाहर विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपे गये तथा उनके संरक्षण का संकल्प लिया गया. कार्यक्रम को डॉ.किरण झा, रूपेंद्र रजक ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में महाअभियान के संयोजक सूरज देवांगन, पार्षदगण गिरिजा चंद्राकर, पुष्पा सिंदूर, नीलिमा गोश्वामी, कौशल जैन, उत्तम दशरिया, शिवम नामदेव व शुभम सिंह ठाकुर सहित अन्य मौजूद रहे.
आध्यात्मिक चेतना ही पर्यावरण को बचा सकती है
केंद्र की प्रमुख चंद्रकली दीदी ने नशा पर चिंता जाहिर करते हुये कहा कि नशामुक्ति की दिशा में सभी को साथ आकर अलख जगाना होगा जिस पर सभी ने सहमति जाहिर की. उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक चेतना से पर्यावरण को बचाया जा सकता है. कार्यक्रम का संचालत करते हुये डॉ.साधना अग्रवाल ने कहा कि गांवों से लेकर हर वार्ड तक नशामुक्ति के लिये समग्र प्रयासों की आवश्यकता है.