विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं को मिली उन्नत कृषि एवं नर्सरी तैयार करने की ट्रेनिंग

प्रोजेक्ट उन्नति के माध्यम से कृषि उद्यमी बनने मिला प्रशिक्षण
प्रशिक्षण से स्वरोजगार के खुलेंगे साधन, आर्थिक स्थिति होगी मजबूत

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों को अकुशल रोजगार प्रदान किया जाता है साथ ही श्रमिकों को प्रोजेक्ट उन्नति के तहत प्रशिक्षण देकर स्थायी आजीविका से जुड़ने के अवसर भी प्रदान किये जा रहे हैं। मनरेगा योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार प्राप्त कर चुके श्रमिकों का काउंसिलिंग कर उन्हें चिन्हित कर प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रोजेक्ट उन्नति के माध्यम से प्रशिक्षित होकर श्रमिक अपना स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकते हैं जिससे उनकी मनरेगा के अकुशल रोजगार पर निर्भरता कम होगी। विकासखंड छुईखदान में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के 35 पंजीकृत श्रमिकों को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) एवं मनरेगा की ब्लॉक टीम द्वारा काउंसलिंग कर आर-सेटी राजनांदगांव के माध्यम से प्रोजेक्ट उन्नति के तहत सब्जी, नर्सरी प्रबंधन एवं खेती विषय पर ऑफ कैम्पस प्रशिक्षण प्रदान किया गया जिसमें विकासखंड छुईखदान के अंतर्गत आने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा) बाहुल्य ग्राम पंचायत सिंगारपुर के ग्राम तुमड़ादाह के 3 युवा बलीराम मेरावी, बुध्द सिंह बैगा एवं लालुराम बैगा भी सब्जी, नर्सरी प्रबंधन एवं खेती विषय पर 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण 18 सितंबर से 27 सितंबर तक आर-सेटी राजनांदगांव के प्रशिक्षकों के माध्यम से प्राप्त किये। प्रशिक्षण में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ अन्य विभागीय गरीबी उन्मूलन योजनाओं और कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी भी प्रदान की गई। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को छुईखदान के रानी अवंती लोधी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र का भ्रमण भी कराया गया जहां विभिन्न प्रकार के उन्नत कृषि फसलों एवं कृषि संयंत्रों के बारे में बारीकी से जानकारी प्रादान की गई। प्रोजेक्ट उन्नति का मुख्य उद्देश्य अकुशल श्रमिकों को प्रशिक्षण प्रदान कर कौशल उन्नयन कर उन्हें उद्यमी बनाना है ताकि उनको स्थायी रोजगार के साधन प्राप्त हो सके। जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा) के 18 ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान योजना संचालित है। कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा के मार्गदर्शन में इन 18 ग्राम पंचायतों में बैगा परिवारों एवं उनके सदस्यों को मुलभूत एवं जरूरी सुविधाए उपलब्ध कराई जा रही है। प्रशिक्षण लेने वाले तीनों युवाओं को उद्यमी बनने का ट्रेंनिग उपलब्ध कराया गया है। इन तीनों युवाओं को प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के अभिसरण से पक्के आवास की स्वीकृति मिली है साथ ही पूर्व में मनरेगा योजना के माध्यम से इनको प्राप्त व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा भूमि में मिट्टी के फार्म बंड निर्माण (भूमि सुधार कार्य) भी स्वीकृत किये गए हैं। अब वे पूर्व की अपेक्षा अधिक उन्नत तरीके से अपने भूमि में कृषि कार्य/सब्जी उत्पादन का कार्य करेंगे साथ ही इनका कहना है कि प्रशिक्षण प्राप्त करने से उनका आत्मविश्वास पहले से काफी बढ़ा है तथा अब उनके लिए स्वरोजगार के साधन खुल जायेंगे एवं उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। अब वे गांव के अन्य युवाओं को भी इस प्रकार प्रशिक्षण प्राप्त करने प्रेरित करेंगे एवं उन्नत कृषि तकनीकों के बारे में भी बतायेंगे।