विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी पद के लिये व्याख्याता को अपात्र मानना शासन का दोहरा मापदंड

शिक्षक व्याख्याता संघ ने मामले में दर्ज की आपत्ति
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी पद के लिये व्याख्याता को अपात्र मानना शासन का दोहरा मापदंड छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग (शैक्षिणक एवम प्रशासनिक सवर्ग) भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2019 नियम 6 अनुसूची-दो सरल क्रमांक 17 मे रिक्त विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के पद पर 25% सहायक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी को वरिष्ठता क्रम मे पदोन्नति दी जायेगी. राज्य शासन ने इस नियम के तहत संवेदनशील होते हुये 2015-16 में नियुक्त लगभग 46 सहायक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारियों को विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नति दी. अनुसूची-दो की सरल क्रमांक 18 में व्याख्याताओं को कुल रिक्त प्राचार्य के पद पर 10% सीधी भर्ती से, 90% पादोन्नति से जिसमें 65% पदों व्याख्याता (70% ई संवर्ग एवं 30% व्याख्याता एल बी संवर्ग) से किये जायेंगें ई संवर्ग के फीडिंग कैडर में पात्र अभ्यर्थियों नहीं होने पर प्राचार्य के रिक्त पद एलबी से पदोन्नति दी जायेगी. शेष 25% प्राधनपाठक, पूर्व माध्यमिक से पदोन्नति दी जायेगी. छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने एक ओर नियम 6 अनुसूची दो के पालन में सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारियों को विकास खंड शिक्षा अधिकारी बना दिया परन्तु इसी नियम के अनुसार व्याख्याता ई/टी संवर्ग एवं व्याख्याता ई /टी एल बी संवर्ग को प्राचार्य पद पर क्यों पदोन्नति नहीं दी है. यदि व्याख्याताओ को प्राचार्य पद पदोन्नति कर देते तो आज समस्त स्कूलों मे पूर्णकालिक प्राचार्य कार्य कर रहे होते. लगभग 2800 से अधिक प्राचार्य के पद रिक्त होंगे तो लगभग 4 से 5 हजार व्याख्याता 20 वर्ष से अधिक अनुभव के होंगे. ये पदोन्नति हो जाते तो क्या ये प्राचार्य एवं विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के पात्र नहीं हो जाते. पदोन्नति नियम 6 अनुसूची दो स.क्र.10 मे उपसंचालक, जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर 25% सीधी भर्ती से और 75% प्राचार्य को पदोन्नति से भरेंगे यहाँ पर भी शासन संवेदनशील नहीं है. यदि नियमानुसार निर्धारित समय अवधिय सभी वर्गो को पदोन्नति दी जाती तो स्कूल से लेकर उच्च कार्यालयों में प्रभार-वाद खत्म हो जाता. शिक्षा विभाग में प्रशासनिक कसावट एवं गुणवत्ता मे सुधार होता. लगता हैं शासन प्रभार-वाद की संस्कृति को समाप्त करनेमें गंभीर नहीं है. छत्तीसगढ़ व्याख्याता (एल बी) संघ के प्रांतीय अध्यक्ष कमलेश्वर सिंह सहित प्रांतीय एवं जिला पदाधिकारीगण जय प्रकाश साहू, सुनील कुमार गुणी, डॉ.संजय सिंह, नितेश पाण्डे, कमलेश पटेल बंश बिहारी, बनाफर दीपक राय, मोहन उपाध्याय, स्वारथ जयसवाल, अनिल गुप्ता अंनुजय वैश्य, शशिभूषण शर्मा, संजय शर्मा, मंजूषा तिवारी, वेदराम साहू, जावेद खान, सुरेंद्र खुटे, नवीन खरे आदि ने शासन से मांग की है कि एक ही विभाग में भेदभाव को समाप्त करते हुये शीघ्र ही प्राचार्य एवं उपसंचालक, जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नति दी जाये ताकि प्राचार्य, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर प्रभार-वाद की परम्परा को समाप्त की जा सके.