वनांचल क्षेत्रों में शिक्षा व संस्कार का अलख जगाने आचार्यों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. वनांचल शिक्षा सेवा न्यास छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा संचालित सरस्वती शिक्षा केंद्र द्वारा जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई व राजनांदगांव अंतर्गत संकुल खैरागढ़, छुईखदान एवं डोंगरगढ़ के आचार्यों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खैरागढ़ में प्रारंभ किया गया। इस प्रशिक्षण वर्ग में 39 आचार्य दीदी और 9 पुरुष आचार्य सहित कुल 48 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। उद्घाटन सत्र में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि खम्हन ताम्रकार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत सदस्य दिनेश वर्मा ने की। संघ के जिला मुख्य मार्ग प्रमुख राजू लाल यादव मुख्य वक्ता के रूप में तथा पांडादाह मंडल भाजपा अध्यक्ष गोरेलाल वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। मुख्य अतिथि खम्हन ताम्रकार ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में भारतीय संस्कृति को बचाने की चुनौती है। ऐसे समय में वनांचल क्षेत्रों में शिक्षा और सेवा के लिए कदम उठाना अत्यंत सराहनीय है। आप सभी के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव है और हमारा भारत पुनः विश्वगुरु बनेगा। मुख्य वक्ता राजू लाल यादव ने कहा कि जैसे हमारे महापुरुषों ने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई वैसे ही आज हमारा दायित्व है कि हम समाज को शिक्षित, संस्कारित और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाएं। संस्कार शिक्षा की वर्तमान समय में अत्यधिक आवश्यकता है जिसे यह संस्था प्रभावी रूप से पूरा कर रही है। रात्रिकालीन सत्र में आयोजित भारत माता की आरती में समाजसेवी एवं श्रीजी कॉलोनाइजर राजेश मिश्रा तथा धर्मजागरण नगर संयोजक निक्कू श्रीवास उपस्थित रहे। प्रशिक्षण वर्ग प्रातः 4ः30 बजे जागरण से रात्रि 10 बजे तक विभिन्न सत्रों में संचालित हो रहा है जिसमें प्रार्थना, शारीरिक खेलकूद, गीत, कहानी, बौद्धिक विकास जैसे विषय शामिल हैं। सरस्वती शिक्षा केंद्र वनवासी क्षेत्र के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं चरित्र निर्माण की दिशा में कार्य कर रहा है। यहां गांव के युवक और युवतियां आचार्य के रूप में निःस्वार्थ सेवा दे रहे हैं। प्रशिक्षण वर्ग में जिला समन्वयक राजनांदगांव राम यादव, संकुल समन्वयक छुईखदान रोशन जंघेल, संकुल समन्वयक खैरागढ़ खेमन वर्मा व संकुल समन्वयक डोंगरगढ़ रितेश सिन्हा सहित सभी आचार्य दीदी उपस्थित रहे।