‘लव योर आइज़’ थीम पर खैरागढ़ में हुई संगोष्ठी

आत्मनिर्भर खैरागढ़ अभियान में नेत्र सुरक्षा का संदेश
विश्व दृष्टि दिवस पर निःशुल्क नेत्र परीक्षण एवं चश्मा वितरण
सामाजिक संस्थाओं की पहल रही सराहनीय
आँखें अनमोल हैं– विषय पर आत्मनिर्भर अभियान की पहल पर जनजागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। आत्मनिर्भर खैरागढ़ अभियान के तहत विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा ‘लव योर आईज’ थीम पर संगोष्ठी एवं निःशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अभियान के वरिष्ठ सेवाभावी उत्तम कुमार बागडे, अमीन मेमन, याक़ूब खान, रुपेश देवांगन, नीलम राजपूत, स्वास्थ्य कार्यकर्ता अनीता जांगड़े, माणिक वर्मा दिनेश्वरी कोसरे, नरेश श्रीवास, सुनील कोसरे, पत्रकार मनोहर सेन, आकाश तिवारी, चंद्रेश कोसरे सहित सेवाभावी प्रमुख रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम का उद्देश्य जनसमुदाय में नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और आँखों की नियमित जांच के महत्व को समझाना रहा। मुख्य वक्ता के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता अनुराग शाँति तुरे ने कहा कि संसार में किसी भी प्राणी के लिए आंखें प्रकृति की सबसे सुंदर रचना है। आंखों के कारण ही समूचा संसार रंगीन और खूबसूरत है इसलिए हम सब की जिम्मेदारी है कि हम अपनी आंखों से प्यार करें और इसकी समुचित देखभाल करें। वरिष्ठ स्वयंसेवी शमशूल होदा खान ने कहा कि आज के आधुनिक किंतु दूषित वातावरण में आंखों की देखभाल बहुत जरूरी है। स्वयंसेवी वंदना टांडेकर ने कहा कि हम सबको न केवल आंखों की देखभाल और उसकी सुरक्षा के लिए जागरूक रहना चाहिए बल्कि इस बात पर भी हमें प्रयास करना चाहिए कि हमारे जाने के बाद भी हमारी आंखों से कोई और इस खूबसूरत दुनिया को देख सके इसलिए नेत्रदान जरूरी है। कार्यक्रम में नेत्र विशेषज्ञ डॉ.दुर्गेश नंदनी श्रीवास्तव ने कहा कि समय-समय पर किया गया नेत्र परीक्षण कई गंभीर नेत्र रोगों से बचाव में कारगर होता है। संगोष्ठी पश्चात जिला अंधत्व नियंत्रण समिति, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई द्वारा उपस्थित लोगों को निःशुल्क प्रेसबायोपिक चश्मों का वितरण किया गया। शिविर में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कर्मी शामिल हुए। इस अवसर पर आयोजकों ने संदेश दिया कि आँखों की देखभाल कोई विकल्प नहीं बल्कि ज़िम्मेदारी है। नियमित जांच और जागरूकता से दृष्टि सुरक्षा संभव है। इस तरह के जनजागरूकता कार्यक्रमों से समाज में दृष्टि स्वास्थ्य को लेकर सकारात्मक पहल देखने को मिल रही है।