राजस्थान के उदयपुर में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में शामिल हुई शिक्षिका नेहा सिंह
शिक्षकों ने इस दौरान गीत-नृत्य की दी प्रस्तुति
छत्तीसगढ़ की संस्कृति के बारे में दी गई जानकारी
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. राजस्थान के उदयपुर में प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को छत्तीसगढ़ की संस्कृति के बारे में जानकारी दी गई।राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रशिक्षण उदयपुर राजस्थान में हुआ। जहां छत्तीसगढ़ के शिक्षक-शिक्षिकाओं की टीम ने प्रदर्शन किया। प्रतिभागियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा, पर्यटन व सांस्कृतिक स्थलों के बारे में जानकारी दी गई। खासतौर पर भिलाई स्टील प्लांट के बारे में बताया गया वहीं छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध कोसा शाल अतिथियों को भेंट किया गया। सीसीआरटी उदयपुर के प्रोफेसर वीरपाल सिंह राणा और समन्वयक हितेश पाणिनी ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक, विरासत के बारे में जानकारी दी। छत्तीसगढ़ के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने राजकीय गीत अरपा पैरी के धार, पंथी नृत्य, राउत नाचा, सुआ गीत, मोर बिछिया गंवागे, मोर छत्तीसगढ़ ल कहिये भैया धान के कटोरा व अन्य लोकगीत व संस्कृति को गीत और नृत्य की प्रस्तुति दी। खैरागढ़ जिला से नेहा सिंह, बेमेतरा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला (सीबीएसई) बेरला की शिक्षिका प्रतिभा साहू, मोहला मानपुर जिले से रश्मि सोनी, मनेंद्रगढ़ से अमित कुमार जायसवाल, कोरबा से निर्मला शर्मा, गरियाबंद से शालिनी मिश्रा, काजल चंद्राकर, बालोद जिले से श्वेता नौरंग, रायपुर से सुजीत शर्मा, चंद्रकिरण देवांगन ने प्रस्तुति दी। प्रतिभागियों ने कुम्हार चाक से मिट्टी के घड़े सहित कई रचनात्मक वस्तुएं भी बनाई। इस अवसर पर शिक्षिका प्रतिभा साहू ने कहा कि सांस्कृतिक योग्यता प्रशिक्षण एक संरचित शिक्षा कार्यक्रम है जिसे किसी व्यक्ति की विविध संस्कृति के प्रति समझ और संवेदनशीलता को बेहतर बनाने के लिये डिजाइन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षार्थियों को विविध सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों के साथ सहानुभूतिपूर्ण और सम्मानजनक तरीके से बातचीत करने का ज्ञान देना है। सीसीआरटी का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय कला और संस्कृति में निहित दर्शन, सौंदर्यशास्त्र और सौन्दर्य की समझ और प्रशंसा प्रदान करता है।