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खैरागढ़ महोत्सव के दूसरे दिन होगा रंगा-रंग सांस्कृतिक कला का संगम

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में चल रहे खैरागढ़ महोत्सव का दूसरे दिन विविध सांगीतिक विधाओं के अद्भुत संगम का साक्षी बनेगा। गुरुवार 20 नवम्बर 2025 की सांय 5 बजे से प्रारंभ कार्यक्रमों में सर्वप्रथम संगीत संकाय की प्रस्तुतियां होगी। वहीं कार्यक्रम का शुभारंभ शास्त्रीय गायन से होगा जिसमें दिल्ली के सुप्रसिद्ध गायक पं.हरीश तिवारी अपने सधी हुई तान, मजबूत आलाप और भावपूर्ण प्रस्तुति से दर्शकों को भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहराइयों में ले जायेंगे। किराना घराने की समृद्ध परंपरा के प्रतिनिधि तथा भारत रत्न पं.भीमसेन जोशी के शिष्य रहे पं.तिवारी की प्रस्तुति पर कला प्रेमियों एवं कला साधकों की नजर रहेगी। इसके बाद कोलकाता से पधारे पद्मभूषण सम्मानित सितार वादक पं.बुधादित्य मुखर्जी अपनी सुरमयी शैली और तकनीकी प्रवीणता से वातावरण को सुरभित करेंगे। इमदादखानी घराने की गौरवशाली परंपरा के इस दिग्गज कलाकार ने शुद्ध, कोमल और द्रुत सभी स्वरों की अनुपम संवेदना को अपने वादन में पिरोया है। उनकी प्रस्तुति शांति, माधुर्य और नाद-सौंदर्य का दुर्लभ संगम होती है।
महोत्सव में शाम का आकर्षण राम की शक्ति पूजा होगी जिसे दिल्ली के व्योमेश शुक्ला एवं समूह मंचित करेंगे।

साहित्य, संगीत और नृत्य इन तीनों की त्रिवेणी में बहती यह प्रस्तुति राम के संघर्ष, साधना और आत्मबल के संदेश को भावनात्मक रूप से अभिव्यक्त करती है। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में छत्तीसगढ़ की लोकधुनों की अनूठी छटा बिखेरते हुए दूध मोंगरा गंडई के कलाकारों मंच संभालेंगे। राज्य अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित डॉ.पीसीलाल यादव के निर्देशन में प्रस्तुत लोकगीत, लोकनृत्य और लोकनाट्य ने छत्तीसगढ़ी माटी की सुगंध और लोकसंस्कृति को जीवंतता प्रदान की है। पांच दशकों से लोककला के संरक्षण में सक्रिय इस संस्था ने अपनी ऊर्जस्वित प्रस्तुति से दर्शकों को झूमने पर विवश किया है। ज्ञात हो कि खैरागढ़ महोत्सव का दूसरा दिन शास्त्रीय, नृत्य और लोक-संस्कृति की त्रिवेणी के रूप में यादगार बनेगा।

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