
पूंजीवादी मानसिकता के कारण अब 8 की जगह 12 घंटे काम की अनिवार्यता
सत्यमेव न्यूज के लिए आकाश तिवारी की रिपोर्ट खैरागढ़। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए जा रहे नए श्रम कानूनों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ये कानून मजदूरों के मौलिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पूंजीवादी मानसिकता के तहत ऐसे प्रावधान ला रही है जिससे मजदूरों की सुरक्षा, स्थिरता और अधिकार कमजोर पड़ जाएंगे। शाहिद भाई ने कहा कि पहले कांग्रेस सरकार के श्रम कानून में यह स्पष्ट प्रावधान था कि किसी भी संस्थान में यदि 100 से अधिक कर्मचारी हों तो छटनी से पहले सरकार की अनुमति आवश्यक होगी लेकिन नए कानून में सीमा बढ़ाकर 300 कर दी गई है। इससे कंपनियाँ सरकार की अनुमति बगैर किसी भी समय कर्मचारियों की छटनी कर सकेंगी, जो नौकरी की अनिश्चितता को बढ़ावा देगा और अधिनायकवादी नीति का प्रमाण है। उन्होंने यह भी कहा कि मजदूर अपनी जायज मांगों को लेकर सहज रूप से प्रदर्शन भी नहीं कर पाएंगे। नए प्रावधान के अनुसार किसी भी हड़ताल या प्रदर्शन के लिए 14 दिन पहले नोटिस देना अनिवार्य होगा। बिना नोटिस के प्रदर्शन को अवैध मानते हुए श्रमिकों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी। यह उनकी अभिव्यक्ति और विरोध करने के मौलिक अधिकारों पर सीधा आघात है। काम के घंटों में परिवर्तन को लेकर भी कांग्रेस नेता ने कड़ा विरोध जताया। उनका कहना है कि 8 घंटे की जगह 12 घंटे कार्य का प्रावधान मजदूरों की श्रमशक्ति, स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन पर प्रतिकूल असर डालेगा। महिला श्रमिकों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि रात्रिकालीन पाली में काम की अनुमति देने से उनकी सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न खड़ा होता है साथ ही महिला मजदूरों के बच्चों के लिए पालना घर (क्रेच) की व्यवस्था को अनिवार्य न किए जाने को भी उन्होंने गंभीर कमी बताया। शाहिद भाई ने कहा कि नए श्रम कानूनों से राज्यों को अलग-अलग नियम बनाने की छूट मिलेगी जिससे देशभर में श्रम कानूनों में असमानता बढ़ेगी और मजदूर हित प्रभावित होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे बदलाव का उद्देश्य नियोजकों और पूंजीपतियों के हितों की पूर्ति है जबकि मजदूरों पर बोझ और अन्याय बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने मजदूरों की सुरक्षा, स्थिरता और छटनी नियंत्रण को प्राथमिकता देते हुए कड़े नियम लागू किए थे जिन्हें वर्तमान भाजपा सरकार ने कमजोर कर दिया है। यह मजदूर वर्ग के साथ घोर अन्याय है।