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मुढ़ीपार में छात्राओं को धमकाने के आरोप से घिरी शिक्षिका के खिलाफ शिकायत जांच शुरू

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. मंगलवार को मुढ़ीपार हायर सेकेंडरी स्कूल की शिक्षिका दामिनी सिंह के खिलाफ शिकायत करने पहुंची जीव विज्ञान की छात्राओं की शिकायत सामने आने के बाद कलेक्टर के आदेश पर जिला प्रशासन ने मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है। छात्राओं की शिकायत के बाद मामले में जिला प्रशासन ने गंभीरता दिखाते संयुक्त कलेक्टर सुमन राज, जिला शिक्षा अधिकारी लाल जी द्विवेदी सहित शिक्षा अधिकारियों को मुढ़ीपार हायर सेकेंडरी स्कूल भेजा और मामले की जांच शुरू की गई है। मामले में मुढ़ीपार पहुँची जांच टीम को शिक्षिका के खिलाफ की गई शिकायत कि वह स्कूल नहीं आती झूठ निकली है। जांच टीम के अधिकारियो ने शिक्षिका दामिनी सिंह द्वारा कक्षा नही लिए जाने, स्कूल देरी से आने, प्रेक्टिकल में फेल करने की धमकी देने, निर्धारित कक्षाओं में नही जाने, स्टाफ शिक्षको और छात्रो से व्यवहार जैसे मामलो की बारिकी से जांच की। पूरे मामले में प्रथम दृष्टया हाईस्कूल के शिक्षिकाओ के बीच ही आपस में वर्चस्व की लड़ाई सामने आई है। हालंकि मामले में कोई भी खुलकर बोलने से परहेज कर रहा है लेकिन शिक्षिका दामिनी सिंह के खिलाफ हुई शिकायत में आरोप गलत मिले है। ऐसे में छात्राओं को स्कूल की बजाय माल वाहक में भरकर सीधे जिला मुख्यालय भेजने, शिकायत में आपसी कलह का मामला सामने आ रहा है।

पूरे प्रकरण से अनभिज्ञ रहे शाला विकास समिति पदाधिकारियों और अभिभावक ग्रामीणों ने स्वतः संज्ञान लेकर मामले की तह तक जाने शनिवार को बैठक आयोजित की. शाला विकास समिति के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधिगण, प्राचार्य, पालको ने संबधित विवाद में शिक्षकगणों और छात्रों से मामले में सार्थक विमर्श किया गया. शाला विकास समिति अध्यक्ष ने बताया कि 23 अगस्त शुक्रवार को समिति ने कक्षावार जाकर स्कूल की समस्याओं को जाना और उक्त कमजोरियों को 1 सप्ताह में दूर करने का समय दिया था लेकिन छात्राओं ने अधीर होकर आनन-फानन में कलेक्टर कार्यालय पहुंच गई. बैठक में मजमून निकला कि शिक्षको से व्यवहारगत त्रुटियां हुई तथा छात्रों द्वारा शाला विकास समिति और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के बिना जानकारी और सहमति के शिकायत करने कलेक्टर कार्यालय चले जाना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। दोनो पक्षों द्वारा कमजोरी और गलती स्वीकार की गई तथा अन्य विषयों पर विमर्श हुआ।

जनहित और शिक्षाहित में माना गया कि व्यवहारिक नियमित शैक्षणिक पीरियड विषयवार संबधित और योग्य शिक्षक द्वारा लिया जाएगा तथा विद्यालय में वातावरण को बेहतर बनाने के लिए मासिक पालक शिक्षक मीटिंग की जाएगी। भविष्य में नागरिक समिति तथा जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों द्वारा स्कूल निरीक्षण किया जाता रहेगा तथा प्रशासन के सहयोग से शैक्षिक और मनोवैज्ञानिक वातावरण बनाने कार्यक्रम तय किये जायेंगे। बैठक में शाला विकास समिति अध्यक्ष संतोष सिन्हा, जिला पंचायत सभापति विप्लव साहू, जनपद सदस्य तोपसिंग राजपूत, समाजसेवी नरोत्तम सिन्हा, घनश्याम सिन्हा, खुमान देशलहरे, मनोज तिवारी, खेमलाल सिन्हा, कुमेश साहू, पंचू साहू, श्रीमती रजनी यादव, चंद्रकुमार चंदेल, श्रीमती पुन्नी निर्मलकर, रामसुख सिन्हा, पुरषोत्तम साहू अन्य पालक और ग्रामीण मौजूद रहे।

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