मिट्टी के दीये सहित मां लक्ष्मी की रंग-बिरंगी प्रतिमाओं से सजा बाजार
दीये व प्रतिमा की लगातार बढ़ रही डिमांड
कीमत में भी देखने को मिल रहा उछाल
खैरागढ़. तीन दिन बाद पूरे देश में दीपावली का पर्व उत्साहपूर्वक मनाया जायेगा। पर्व से पहले मिट्टी के दीये सहित मां लक्ष्मी की रंग-बिरंगी प्रतिमाओं से बाजार सजा हुआ है। माहभर पहले से कुम्हार इसकी तैयारी में लगे रहे और अब त्यौहार नजदीक आते ही बाजारों में जगह-जगह मिट्टी के दीयों की दुकानें लगी हुई हैं। हालांकि अभी त्यौहार आने में समय है जिसके कारण फिलहाल ग्राहकों की संख्या कम नजर आ रही है परंतु जल्द ही ग्राहकी बढ़ने वाली है। 29 अक्टूबर को धनतेरस का पर्व है वहीं 30 को रूप चौदस मनाया जायेगा जो अब महज एक दिन शेष रह गया है। बता दे कि दीपावली पर्व में दीयों का विशेष महत्व होता है जिसके कारण बाजार में इसकी डिमांड भी रहती है। यही कारण है कि कुम्हार लगभग माहभर पहले से ही इसकी तैयारी में जुट जाते हैं ताकि मिट्टी के दीयों की कमी न हो पाये। लोग अपने घरों सहित देवी-देवताओं के मंदिर में मिट्टी के दीये ही जलाते हैं। हालांकि रंग-बिरंगी चाइनिज लाईटों ने अपना प्रभाव दिखाया है जिसके कारण पहले की अपेक्षा वर्तमान में दीयों की खरीदी में असर देखने को मिला है। पहले की अपेक्षा अब मिट्टी व गोबर के दीपों की खरीदी कम हो गई है जिसकी चिंता भी कुम्हारों को लगी रहती है। अब दीयों की खरीदी केवल पूजा के अनुसार ही की जा रही है, घरों को रौशन करने के लिये अधिकतर रंग-बिरंगी चाइनिज लाईटों का सहारा लिया जा रहा है। इन लाईटों की चमक ने दीयों की रौशनी को दबाकर रख दिया है। दीपावली पर्व में मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना होती है जिसके लिये मां लक्ष्मी की रंग-बिरंगी प्रतिमाएं भी बाजार में देखने को मिल रही है। छोटी-बड़ी साइज में प्रतिमाओं को सजाकर रखा गया है जो मन को लुभा रही है। मूर्तियों को आकर्षक बनाने अब साधारण रंगों की अपेक्षा अब अभ्रक का छिड़काव कर प्रतिमाओं को रंगा जा रहा है जिससे प्रतिमाएं आकर्षक लगे वहीं प्रतिमाओं की शाइनिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है। बदलते आधुनिक दौर में अब ग्राहकों को बेहतर सामग्री प्रदान करने शाइनिंग का भी ध्यान रखा जा रहा है।