माँ की पीड़ा माँ ही समझे”- बाढ़ पीड़ित परिवार से मिलीं विधायक यशोदा

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. दुख की घड़ी में जब शब्द कम पड़ जाते हैं तब संवेदना की सच्ची भाषा ही मन को छूती है। ऐसा ही भावुक दृश्य गुरुवार को खैरागढ़ के अंबेडकर वार्ड में देखने को मिला जब खैरागढ़ विधायक श्रीमती यशोदा वर्मा बाढ़ में असमय काल के गाल में समा गए युवक अमित यादव के घर पहुँचीं। बाढ़ की विभीषिका में इतवारी बाजार के तेज बहाव में बहकर जान गंवाने वाले अमित की त्रासदी ने पूरे मोहल्ले को शोकाकुल कर दिया था। विधायक यशोदा वर्मा ने दिवंगत युवक के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना प्रकट की। जैसे ही उन्होंने अमित की विलीन मुस्कान और असहाय माँ की आँखों में भरे अश्रुओं को देखा वे स्वयं भी भावुक हो उठीं। उन्होंने अमित की माँ का हाथ थामते हुए कहा- “एक माँ की पीड़ा को दूसरी माँ से बेहतर कौन समझ सकता है।” गौरतलब है कि बाढ़ में मृत अमित अपने परिवार का इकलौता कमाऊ पूत और सहारा था। अमित की अकाल मौत के बाद उसकी माता और तीन अविवाहित बहने असहाय हो गई है।

विधायक के सहयोग से बनेगा शोक संतृप्त परिवार का मकान

विधायक ने मृतक के कच्चे घर की स्थिति का जायजा लिया और परिवार को आश्वस्त किया कि भले ही उनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल न हो फिर भी बरसात के बाद एक नया और सुरक्षित मकान उनके सहयोग से बनवाया जाएगा। उन्होंने आगामी 1 अगस्त को आयोजित दशगात्र कार्यक्रम के लिये ससम्मान आर्थिक सहयोग राशि भी परिवार को सौंपी ताकि धार्मिक संस्कार में कोई बाधा न आए और दिवंगत आत्मा को शांति से विदाई दी जा सके। वहीं अमित यादव की बड़ी बहन को खैरागढ़ सिविल अस्पताल में जीवनदीप समिति के अंतर्गत रोजगार दिलाने का भी भरोसा दिलाया ताकि परिवार को आर्थिक सहारा मिल सके। विधायक वर्मा की यह पहल केवल एक औपचारिक दौरा नहीं बल्कि एक माँ के दिल से निकली करुणा और जनप्रतिनिधि की संवेदनशीलता का सजीव उदाहरण थी।
उन्होंने कहा, “इस असीम दुख की घड़ी में परिवार अकेला नहीं है। प्रशासन से लेकर समाज तक हम सब उनके साथ हैं और हरसंभव मदद पहुंचाई जाएगी।” गौरतलब है कि बीते दिनों अचानक आई बाढ़ ने खैरागढ़ में कहर बरपाया था। इसी दौरान अमित यादव इतवारी बाजार के पास फंस गया था और तेज बहाव में बह गया। उसका शव अगले दिन नाले के अंतिम छोर पर मिला। आज जब नेता और राजनीति को संवेदनहीनता के तराजू पर तौला जाता है ऐसे में विधायक यशोदा वर्मा की ममत्वभरी संवेदना और जिम्मेदारी का यह स्वरूप समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर सामने आया है। विधायक यशोदा का यह पक्ष मानवता की उस चमकती रेखा को रेखांकित करता है जो दुःख की सबसे अंधेरी रात में भी उम्मीद का दीप जलाए रखती है।

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