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जिले में बढ़ती जा रही जल समस्या, लोगों को राहत देने फिसड्डी साबित हो रही पीएचई की योजनाएं

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. जिले में गर्मी के प्रकोप के कारण जल समस्या बढ़ती ही जा रही हैं। ग्रामीण इलाकों के साथ ही कुछ शहरी आबादी आवश्यक पेयजल व निस्तरी जल के लिए जूझ रही हैं लेकिन लोगों को जल समस्या के निदान के लिए राहत देने की जिम्मेदारी वाला जिले का लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग फिसड्डी साबित हो रहा हैं और जिले में पीएचई की योजनाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं। यूँ तो कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जिले में बुरी तरह बदनाम हैं और अब गर्मी के दिनों में जिले की जरूरतमंद जनता को राहत देने में भी विभाग का रवैय्या ढुलमूल ही हैं। कलेक्टर सहित अपने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से फटकार सुन चुके पीएचई के अधिकारियों के कान में व्यवस्था सुधारने कोई जूँ तक नहीं रेंग रही। ज्ञात हो कि जिले के कई जल अभावग्रस्त इलाकों में हैंडपंपों से पानी नहीं मिल रहा हैं उल्टे पानी की जगह हवा निकल रही, जो पीएचई विभाग की कार्यशैली को जस नाम तस गुण के रूप में चरितार्थ कर रहा है। अंदर खाने खबर है कि विभाग में हैण्डपंपो की मरम्मत के नाम पर भी भ्रष्टाचार हुआ हैं और हो रहा हैं। ऐसे में जिले के जरूरतमंद लोगों को राहत नहीं मिल पा रही हैं और विभाग के औचित्य पर ही सवाल उठ रहे हैं।

प्रंचड गर्मी का असर अब जिले भर में दिखाई देने लगा हैं जिसके कारण हैंडपंपों पर भी इसका असर दिखने लगा है। जल स्तर नीचे गिरने के चलते जिले के एक चौथाई हैंडपंपों से पानी की जगह हवा निकल रही है और मई माह में गर्मी का व्यापक असर पेयजल व्यवस्था पर पड़ने लगा है।

जिले में चार हजार से अधिक शासकीय हैंडपंप हैं। जिससे जिले के 4 सौ से अधिक गांवों में लोगों की पेयजल आपूर्ति होती है। गर्मी के पहले से ही कई गांवों में हैंडपंप हांफने लगे। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अफसरों का दावा है कि शिकायत पर कार्यवाही की जा रही है लेकिन परिस्थितियां इसके उलट है। दावों के बीच जिले के हैंडपंप ही अधिकारियों की कार्यशैली की पोल खोल रहे है और अब पुराने हैंडपंपों में पेयजल आपूर्ति में जलस्तर गिरने का प्रभाव सबसे ज्यादा दिख रहा है। दूसरी ओर कई हैंडपंपों में जलस्तर गिरने के बजाए अन्य खराबी ज्यादा निकल रही है, जो बताती है की मरम्मत के नाम पर भी विभाग ने केवल खाना पूर्ति कर काम चलाया है।

जिलेभर के हैंडपंपों में गर्मी के चलते जलस्तर गिरने का व्यापक असर अब दिखने लगा है। जिले भर के एक हजार से अधिक हैंडपंपों में पानी का स्तर नीचे गिरने से हैंडपंपों में पानी की जगह हवा निकल रही है। विभाग द्वारा कई हैंडपंपों में पाइप बढ़ाने के बाद भी व्यवस्था नहीं सुधर पाई है। हैंडपंपों मे पाइप बढ़ाने के बाद भी पेयजल के लिये पानी नही निकल रहा है तो जिम्मेदार कौन हैं? और अब इसका असर सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगा है। गर्मी के दौरान जिले के मैदानी, पहाड़ी, वनांचल सहित खदान क्षेत्रों में पेयजल संकट बढ़ने लगा है। जिले के साल्हेवारा, गातापार जंगल, बकरकटटा जैसे इलाकों में हैंडपंपों से पानी की धार कम हो गई है वहीं मैदानी इलाके ठेलकाडीह क्षेत्र में सबसे तेजी से जलस्तर गिरने के चलते हेंडपंपों में चार से पांच सौ से फीट तक पानी नीचे चला गया है। पांडादाह, जालबांधा, बाजार अतरिया जैसे मैदानी इलाके में भी जलस्तर नीचे जाने से पेयजल व्यवस्था में असर पड़ा है।

गांवों में योजनाबद्ध तरीके से पेयजल आपूर्ति बनाने बोर कर बनाई गई नलजल योजना में भी जलस्तर गिरने के चलते व्यापक असर सामने आया है। हालत यह हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी कहे जाने वाली नलजल योजना की भी अधिकारियों की करतूत से धार पतली हो गई है। जगह-जगह पानी टंकी बनाकर उसे बोर से भरने और ग्राम स्तर पर पेयजल आपूर्ति के लिये संचालित होने वाली इस योजना मे लो प्रेशर की शिकायतें लंबे समय से आ रही हैं। गर्मी के चलते अतिरिक्त समय तक इसका संचालन करना पड़ रहा है। जिले के वनांचल क्षेत्रों के साथ खदान इलाकों में भी योजना से पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।

जल समस्या के साथ ही पीएचई के अधिकारियों का अमूमन समय गायब रहना भी जिले में एक समस्या है। विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी जिला मुख्यालय में निवास ही नहीं करते, कुछ अधिकारियों का आने-जाने का समय भी तय नहीं है वहीं खैरागढ़ में जल समस्या को लेकर विभाग का पक्ष जानने खैरागढ़ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एसडीओ तहसीन खान से उनके दूरभाष 94060 69153 पर लगातार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनका नंबर आउट ऑफ़ कवरेज ही रहा।

Satyamev News

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