महतारी जतन : सेहतमंद शिशु के लिए खैरागढ़ विश्वविद्यालय का सार्थक प्रयास

खैरागढ़ विश्वविद्यालय में 4 साल से चलाया जा रहा अभियान
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़ . इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में गर्भवती माताओं और उनके गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए चलाए जा रहे जनकल्याणकारी कार्यक्रम ‘महतारी जतन’ के तीसरे फेज को सराहनीय प्रतिसाद मिल रहा है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत नियमित अभ्यास में शामिल महिलाओं को इसका भरपूर लाभ मिल रहा है. शुक्रवार 23 फरवरी को खैरागढ़ निवासी श्रीमती केशर यादव को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है. परिवारजनों ने इसके लिए ‘महतारी जतन’ कार्यक्रम और विश्वविद्यालय परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया है। विश्वविद्यालय की ओर से बधाई और शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए माता और शिशु दोनों के स्वस्थ, उज्जवल और दीर्घायु जीवन की कामना की गई है.
4 वर्ष पूर्व राज्यपाल की प्रेरणा से शुरू हुआ था अभियान

उल्लेखनीय है कि यह कार्यक्रम लगभग 4 वर्ष पहले छत्तीसगढ़ के तत्कालीन राज्यपाल की प्रेरणा से शुरू किया गया था लेकिन बीच के वर्षों में कोरोना के कारण बाधित हुआ, लेकिन अब नियमित रूप से जारी है. कार्यक्रम की संयोजिका और कथक विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.शिवाली सिंह बैस ने बताया कि कुलपति पद्मश्री डॉ.ममता (मोक्षदा) चंद्राकर के संरक्षण और कुलसचिव प्रो डॉ.नीता गहरवार के निर्देशन में यह कार्यक्रम अनवरत विश्वविद्यालय में चल रहा है. हितग्राही गर्भवती महिलाएं उत्साह के साथ सभी गतिविधियों में हिस्सा ले रही हैं. डॉ.शिवाली ने बताया कि महतारी जतन कार्यक्रम के अंतर्गत सप्ताह के 2 दिन पंजीकृत गर्भवती महिलाओं को विश्वविद्यालय परिसर में एकत्र किया जाता है. लगभग 2 घंटे के क्लास में उन्हें ऐसे संगीत सुनाए जाते हैं जो गर्भवती माता के साथ गर्भस्थ शिशु के लिए भी बेहद लाभप्रद हो. इसके अतिरिक्त योग, सत्संग, भजन, कुछ चुनिंदे आसन आदि बताए जाते हैं. उन्हें घर से लाने और वापस घर पहुंचाने की व्यवस्था भी विश्वविद्यालय की तरफ से की जाती है. इसके अलावा महिलाओं को पौष्टिक आहार भी दिया जाता है. एक चरण का कार्यक्रम लगभग 6 से 7 माह का होता है. इस कार्यक्रम से गर्भवती माताओं और गर्भस्थ शिशु को शारीरिक और मानसिक दोनों दृष्टि से लाभ मिलता है. इस कार्यक्रम में अब तक लगभग 50 महिलाओं को लाभ मिल चुका है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विश्वविद्यालय की तरफ से संयोजिका डॉ.शिवाली सिंह बैस, डॉ.खुशबू बिसेन, डॉ.लिकेश्वर वर्मा, डॉ.जगदेव नेताम, वही गर्भवति महिला सविता सेन,संगीत मेश्रम, पुष्पा देवांगन,रोशनी देवांगन, दामिनी, मालती,पूजा यादव
जनसंपर्क अधिकारी विनोद डोंगरे विश्वविद्यालय के शोधार्थी, विद्यार्थी और अधिकारी कर्मचारी सतत सक्रिय हैं. इसके अतिरिक्त खैरागढ़ बीएमओ डॉ.विवेक बिसेन और उनकी टीम का भी इस अभियान में सहयोग मिलता है.