बेमौसम बारिश से किसानों की रबी फसल सहित हरी साग-सब्जियों को नुकसान
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. मौसम के बदलते तेवर ने क्षेत्र के किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. बुधवार को शाम हुई असमय बारिश से जिले में रबी फसल अंतर्गत चने, तिवरा, अलसी, सरसो, गेहूं की फसल सहित हरी साग सब्जियों को काफी नुकसान हुआ है वहीं इस बारिश से आम के फल का बौर भी प्रभावित हुआ है. बेमौसम बारिश से सब्जी की फसल भी प्रभावित हुई है साथ ही टमाटर की नई फलों के झड़ने का भी डर बना हुआ है. नये रोपित सब्जियां ककड़ी, पालक भाजी, प्याज भाजी आदि सब्जी की फसल भी इस बेमौसम बारिश से बेकार हो सकती है.
जलवायु परिवर्तन का जन-जीवन पर हो रहा बुरा असर
बेमौसम बारिश के कारण जहां शाम को नगर सहित आसपास क्षेत्रों में मौसम ठंड रहा वहीं सुबह धूप के कारण लोगों को काफी उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा. जानकार बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण जनजीवन पर बुरा असर पड़ रहा हैं हालांकि शाम को बारिश होने के कारण लोगों को गर्मी से राहत मिली है लेकिन आने वाले दिनों में मौसम के इसी तरह परिवर्तन होने से लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ सकता है.
हरी साग सब्जियों में बढ़ सकता हैं कीट व्याधि का प्रकोप
समय बारिश व आसमान में बादलों की मौजूदगी के कारण चने की फसल सहित हरी साग सब्जियों में कीट व्याधि का खतरा बढ़ रहा है. गौर करें कि खेतों से हरे चने को निकालकर खैरागढ़ के बाजार में इन दिनों बेचा जा रहा है लेकिन रात को हुई बारिश के कारण चने की फसल में कीट-प्रकोप एवं खराब होने की आशंका बढ़ गई है वहीं बात करें तो बीते सप्ताह सोमवार व मंगलवार को भी रात में अनायास तेज बारिश हुई थी. पिछले साल भी बेमौसम हुई लगातार बारिश के कारण चने की फसल से काफी नुकसान हुआ. आज हुई अचानक बारिश से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसी स्थिति में किसान न तो फसल को काट पा रहे हैं और न ही खेतों में छोड़ पा रहे हैं. मौसम बदलने का असर सब्जी की फसलों पर भी पड़ने लगा है. सब्जी में भी कीट प्रकोप लगने की जानकारी किसान दे रहे हैं.
जलवायु परिवर्तन व बारिश के कारण किसानों की चिंता बढ़ी
लगातार बदलते मौसम के चलते किसानों में परेशानी बढ़ने लगी है. नगर के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों के अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों द्वारा चने की फसल सहित तिवरा, मसूर, दलहन, गेहूं सहित कई फसल कटी हुई रखी हुई है. साथ ही गेहूं भी पकने की स्थिति में है. बेमौसम बारिश से लगता है कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है.