बिना अनुमति तालाब का पंजीयन का मामला गरमाया, ग्रामीण आक्रोशित

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. ग्राम पंचायत कुकुरमुड़ा में स्थित वर्षों पुराने निस्तारी तालाब की भूमि पर बिना ग्रामसभा की अनुमति और पंचायत की जानकारी के पंजीयन किये जाने को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने इसे ग्रामहित और जनसुविधा के विरुद्ध षड्यंत्रपूर्ण प्रयास बताया है और मामले की निष्पक्ष जांच व पंजीयन निरस्त करने की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार खसरा नंबर 881, 882 और 1000 की लगभग 7 एकड़ भूमि वर्षों से ग्रामीणों के लिये निस्तारी तालाब के रूप में उपयोग में रही है। यह तालाब पशुओं के लिये पेयजल, सिंचाई और घरेलू उपयोग के लिये एकमात्र जलस्रोत है। 2 जुलाई 2025 को अचानक बिना किसी सार्वजनिक सूचना या सरकारी आदेश के इस भूमि का पंजीयन कर उसे निजी स्वामित्व में दर्ज करने की कार्रवाई की गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यह कार्य छुपकर और जल्दबाजी में किया गया जिससे ग्रामवासियों को संदेह हुआ और उन्होंने पंजीयन का विरोध कर उसे रुकवाया। ग्रामवासियों ने बताया कि पूर्व में भी कुछ व्यक्तियों द्वारा इस भूमि पर निजी स्वामित्व जताकर कब्जे की कोशिश की गई थी जिसे ग्रामसभा ने सर्वसम्मति से खारिज कर दिया था। फिर भी अब दोबारा यही प्रयास किया जाना ग्राम पंचायत की भूमिका पर सवाल खड़े करता है। 3 जुलाई को ग्राम पंचायत की बैठक में सरपंच संतोष यदु की अगुवाई में प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि यह तालाब सार्वजनिक संपत्ति है और इसे किसी भी रूप में निजी व्यक्ति को नहीं सौंपा जा सकता। प्रस्ताव में मांग की गई कि बिना अनुमति किया गया पंजीयन शून्य घोषित किया जाये विक्रय प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाए और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये। 4 जुलाई को यह प्रस्ताव जिला प्रशासन को सौंपा गया। ग्रामीणों ने यह भी मांग की कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए शासन स्पष्ट और कठोर निर्देश जारी करे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं की तो वे उग्र जनआंदोलन करने को बाध्य होंगे।

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