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बाढ़ प्रभावित ग्राम कांचरी का दौरा कर विधायक ने लिया वस्तु स्थिति का जायजा

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. जिला मुख्यालय से लगे ग्राम कांचरी में 10 सितंबर को आयी बाढ़ की विभीषिका से 11 मकान क्षतिग्रस्त हो गये और यहां निवासरत परिवार बेघर हो गए हैं। कुछ मकान तो पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर ताश के पत्ते की तरह ढह गये हैं। बाढ़ ने ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बाढ़ की चपेट में आने से ग्राम कांचरी के दर्जनों परिवारों को घर से बेघर होना पड़ा जिससे लेकर विधायक यशोदा वर्मा ने भाजपा शासन व प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन ने बिना मुनादी कराये बांध से पानी छोड़ दिया गया जिसकी वजह से ग्राम कांचरी के ग्रामीणों को बेघर होना पड़ा। विधायक वर्मा ने आरोप लगाया कि बाढ़ को रोकने प्रधानपाठ बैराज निर्माण के लिए लगभग 70 करोड की स्वीकृति प्रदान की थी जिसके तहत सिंचाई विभाग के द्वारा अपने जेब गर्म करने बैराज का घटिया निर्माण कराया गया है जिसके चलते आज ग्रामीणों को परेशानियों का सामान कर रहे हैं। बैराज में घटिया क्वॉलिटी का गेट लगाया गया जिसके चलते गेट टूट गया। विभाग द्वारा उक्त गेट की मरम्मत के लिये करोड़ों की राशि स्वीकृत कर खर्च किया गया फिर भी बैराज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। बैराज सही तरीके से बना होता तो ग्रामीणों को नुकसान का सामना नहीं करना पड़ता। बाढ़ से 11 परिवार बेघर हो चुके हैं जो 10 सितंबर से पंचायत भवन, सामुदायिक भवन व कचरा पट्टी में रह रहे हैं। बाढ़ की चपेट में आने से गोकुल यादव पिता स्व जुगुल यादव, ईतवारी यादव पिता स्व जुगुल यादव दोनों भाईयों का घर पूरी तरह से तहस-नहस हो गया है सोनू यादव का मक़ान भी टूट गया है। गोकुल यादव पिता स्व.जुगुल यादव ने बताया हम सोये हुये थे तभी सुबह 6 बजे अचानक बाढ़ का पानी घर में घुस गया बाढ़ इतना भयानक था हमें घर में रखे सामान निकालने तक का मौका नहीं दिया किसी तरह अपने और परिवार का जान बचा कर निकलें और निकलते ही मकान पूरी तरह से गिर गया सब इतना अचानक हुआ कुछ भी समझ नहीं आया। पूरा सामान घर के नीचे दबा हुआ है। पिछले 5 दिनों से पूरा परिवार एक ही कपड़े में रहने मजबूर हैं। इस दौरान विधायक के साथ कांग्रेस नेता नीलांबर वर्मा, संदीप सिरमौर, सरपंच हेमकल्याणी तोड़े व देवेंद्रपाल तोड़े सहित बाढ़ प्रभावित ग्रामीण मौजूद थे।

तहसीलदार को बेघर परिवार के लिये बेहतर व्यवस्था करने दिये निर्देश

विधायक वर्मा ने गांव का निरीक्षण कर मौके में उपस्थित तहसीलदार व आरआई को बेघर हुये परिवारों के बेहतर व्यवस्था के निर्देश दिये एवं बाढ़ से प्रभावित ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया व तहसीलदार को बाढ़ से प्रभावित लोगों का सर्वे करा कर उचित मुआवजा दिलाने कहा वहीं विधायक श्रीमती वर्मा ने सरकार से मांग करते हुए कहा ग्रामीणों क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना का राशि बढ़ाते हुए एक लाख तीस हजार से बढ़ाकर 3 लाख रूपये करना चाहिए महंगाई अपनी चरम सीमा पर है। दिन के दिन सीमेंट, छड़, ईंट का दाम लगातार बढ़ रहा है एक लाख तीस हजार में ढंक का एक शौचालय निर्माण नहीं हो सकता तो मकान निर्माण करना संभव नहीं है।

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