बाजार अतरिया के पास अछोली में लकड़ी से लदा मेटाडोर अनियंत्रित होकर नहर में गिरा

सत्यमेव न्यूज़ बाजार अतरिया. समीपस्थ ग्राम अछोली में 6 मई की रात तकरीबन 8.30 बजे लकड़ी से भरी मेटाडोर नहर में गिर गई. इस दुर्घटना में वाहन चालक बाल-बाल बच गया. जानकारी के मुताबिक मेटाडोर CG 04 JD2881 का वाहन चालक रात में लकड़ी लोडकर बाजार अतरिया की तरफ आ रहा था तभी अछोली से बोदागढ़ मार्ग पर बने जर्जर पुल में मेटाडोर जा गिरी। इस दुर्घटना को लेकर ग्रामीणों के मुताबिक अछोली में नहर में जो पुल बना हुआ था वह तीन साल पहले जीर्णोद्धार के लिए तोड़ दिया गया है लेकिन विभाग के द्वारा टूटे हुए पुल के आजू-बाजू में मार्ग को प्रतिबंध करने के लिए मार्किंग नहीं की गई है, जिसके कारण बंद पड़े निर्माणाधीन पुलिया में अनजान लोग रोजाना हादसे का शिकार हो रहे है।

बताया जा रहा है कि मेटाडोर चालक नशे में धुत था और टूटे हुए पुल की जानकारी नहीं होने के कारण वह सीधा लकड़ी से भरी मेटाडोर के साथ पुल के नीचे खाई में गिर गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नशे में धुत्त मेटाडोर चालक रातभर दुर्घटनाग्रस्त वाहन के अंदर ही अचेत पड़ा रहा। सुबह ग्रामीणों के दुर्घटना स्थल में पहुंचने के बाद चालक को ग्रामीणों ने उठाने की कोशिश की तब भी वाहन चालक गाड़ी से निकल नहीं रहा था और कुछ घंटे बाद बाहर आया। गनिमत कि वाहन चालक बच गया। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने डायल 112 को सूचना दी और एंबुलेंस की मदद से ड्राइवर को खैरागढ़ सिविल अस्पताल पहुंचाया गया जहाँ उसका उपचार चल रहा है।

जानकारी के मुताबिक यहाँ सिंचाई विभाग के मोतीनाला में हमेशा खेतों में सिचाई के लिए पानी छोड़ा जाता है वही आवागमन के लिए नहर के ऊपर पुल का निर्माण किया गया था लेकिन तीन साल पहले पुल को जीर्णोद्धार के लिए तोडा गया। लेकिन लम्बे समय के बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो पाया है इसकी वजह से आये दिन इस जगह पर दुर्घटना होती रहती है। ग्रामीणों ने बताया कि कभी मवेशी हादसे का शिकार हो रहे है तो कभी आवागमन करने वाले लोग यहाँ गिर के जख़्मी हो रहे है। ग्रामीणों के द्वारा कई बार पुल निर्माण को लेकर गुहार लगाई जा चुकी है बावजूद अभी तक पुल नहीं बना।

सूत्रों की माने तो बाजार अतरिया क्षेत्र से रोजाना दर्जनों वाहनों से लकड़ी की सप्लाई हो रही है और आसपास गांव के सैकड़ो वृक्षों की बलि चढ़ रही है. बिना परमिशन के बबुल, नीम, कहुआ, रिया, सागौन, भिरहा, आम, नीलगिरि सहित कई इमारती लकड़ी की सप्लाई अवैध तरीके से हो रही हैं। जिस पर वन विभाग अभी तक किसी भी प्रकार का कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहा है और स्थानीय प्रशासन भी वृक्षों की अवैध कटाई और तस्करी को लेकर मौन साधे हुए हैं। ठेकेदार के द्वारा बिना अनुज्ञा पत्र के जलाऊ सहित ईमारती लकड़ियों की ट्रांसपोर्टिंग की जा रही है। परमिशन के तौर पर कभी-कभार पंचायत का परमिशन रखे रहते है जबकि ये सही नहीं है।

खैरागढ़ से धमधा मार्ग पर रोज लकड़ी से भरे वाहन तेज गति से दौड़ते है जिससे हमेशा सड़क हादसा होने का खतरा बना रहता है। ज्ञात हो कि इसके पहले भी इस मार्ग पर लकड़ी से भरे मेटाडोर से कई बड़े हादसा हो चुके है। दो साल पहले चंदैनी में पुल के ऊपर खड़े चार पहिया वाहन चालक को लकड़ी से भरे वाहन चालक ने रौंद दिया था जिससे वाहन चालक की मौके पर ही मौत हो गई थी, बावजूद इसके प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होना कई सवाल खड़े करता है। यह भी कौतूहलकारी है कि नागरिकों को पौधरोपण की नसीहत देने वाले वन विभाग प्रशासन लकड़ी की कटाई पर रोक लगाने में क्यों नाकाम साबित हो रहा है।

Exit mobile version