आक्रोशित पालकों ने स्कूल प्रशासन से किया सवाल-जवाब
मामला ग्राम सिवनीकला स्थित श्रीवेद इंग्लिश मीडियम स्कूल का
सत्यमेव न्यूज़/डोंगरगढ़. सिवनीकला स्थित श्रीवेद इंग्लिश मीडियम स्कूल में नर्सरी से नवमी तक के छात्र-छात्राओं को स्कूल की फीस जमा नहीं करने पर परीक्षा में बैठने से मना कर दिया गया था जिसे पालकों द्धारा फीस जमा करने के आश्वासन के पश्चात स्कूल प्रशासन ने दोबारा परीक्षा की तिथि निर्धारित की. इस बीच पालकों ने असंतोष व्यक्त करते हुए स्कूल प्रशासन से अनेकों सवाल जवाब किए जिसका जवाब देने के लिए कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति प्रबंधक द्वारा नियुक्त नहीं किया गया था. श्रीवेद स्कूल की डायरेक्टर राजेश्वरी वर्मा द्वारा 2018 से श्रीवेद स्कूल का संचालन किया जा रहा है जो विगत एक माह से स्कूल में नहीं है. उनकी अनुपस्थिति में स्कूल का स्टाफ जवाब देने की स्थिति में नहीं मिला. श्रीवेद स्कूल में नर्सरी से कक्षा दसवीं तक 329 बच्चे अध्ययनरत हैं. स्कूल की ओर से 11 महिला व 4 पुरुष, कुल 15 शिक्षक इन बच्चो को अध्यापन कार्य करवा रहे है. स्कूल की प्रिंसिपल नंदिनी वर्मा महत्वपूर्ण जवाबदारी लेने में सक्षम नहीं होने की बात कह रही है. प्रिंसिपल ने बताया कि कक्षा पहली मे 52, दुसरी में 38, तीसरी में 24, चौथी में 22, पांचवी में 97, छटठी में 17, सातवी में 17, आठवीं में 11, नौंवी में 12 तथा कक्षा दसवीं में 16 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं.
फीस जमा करने की तिथि में बदलाव किए जाने से यह स्थिति निर्मित हुई
पालकों द्वारा बताया गया कि स्कूल द्वारा बनाए गए ग्रुप में पूर्व में यह मैसेज डाला गया कि 30 मार्च तक फीस अनिवार्य रूप से जमा करनी है फिर पुनः 26 तारीख को मैसेज किया जाता है कि 27 तारीख तक जिन बच्चों ने फीस जमा नहीं किया है उनको परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा. 27 मार्च को कक्षा छठवीं से नौवीं तक के 57 छात्र-छात्राओ को स्कूल के बाहर ही रोक दिया जाता है. आपने फीस जमा नहीं की है तो आपको परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा एवं उनके अभिभावकों को फोन कर सूचना दी जाती है. जिन बच्चों का फीस तुरंत जमा कर लिया जाता है उनको परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी.
डायरेक्टर के आदेश का पालन कर रहे हैं शिक्षक
स्कूल के शिक्षक मनीष जंघेल और मनीष वर्मा ने बताया कि डायरेक्टर राजेश्वरी वर्मा ने जो उन्हें आदेश फ़ोन के माध्यम से दिया है उसका अभी पालन कर रहे हैं. बिना फीस लिए बच्चों को बैठने के लिए मना किया गया है. अगर बच्चे फेल होते हैं तो होने दो ऐसा उनके द्वारा कहा जाता है. श्रीवेद स्कूल के आसपास के ग्रामीण छात्र छात्राओं के अभिभावक हेमंत यादव, भानु प्रताप वर्मा, दुष्यंत वर्मा, लाला सिन्हा, मनोहर दास मानिकपुरी, भूपेंद्र वैष्णव, कमलेश वर्मा, भूपेंद्र वर्मा, कृष्णा जंघेल, लेख राम वर्मा, नोहर वर्मा ने बताया की स्कूल प्रबंधन द्वारा मात्र फीस जमा नहीं करने के कारण परीक्षा में बच्चों को बैठने नहीं दिया जा रहा है. स्कूल प्रबंधन द्वारा अपनी मनमानी की जा रही है. हमने डायरेक्टर से बात करनी चाही लेकिन वह विगत एक माह से भारत से बाहर गई हैं. 27 मार्च को 57 बच्चों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया. जिसको लेकर स्कूल के स्टॉफ को बताया गया, स्टाफ द्वारा कहा जाता है कि हमें डायरेक्टर राजेश्वरी वर्मा ने सख्त निर्देश दिया है कि जब तक बच्चों के अभिभावकों से फीस नहीं लेंगे तब तक उनके बच्चों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. 27 मार्च दिन सोमवार को हमें फोन के माध्यम से जानकारी मिली कि आपके बच्चे स्कूल का फीस जमा नहीं कर पाए हैं इसलिए उनको परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई है. बच्चों का फीस तत्काल जमा करें तभी बच्चों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी.
बच्चों को जबरन स्कूल में रोका जा रहा है
13 मार्च से परीक्षाएं सुबह 10:30 से दोपहर 1 बजे तक संचालित की जा रही है. 1 बजे छुट्टी होने के बाद भी बच्चों को भूखे प्यासे 3 बजे तक रोका जाता रहा. उसके बाद उन्हें घर जाने की अनुमति दी गई. अभिभावक लेखराम वर्मा की पुत्री पायल वर्मा कक्षा नौवीं ने बताया की संस्कृत विषय का लास्ट पेपर था. दिसंबर 2022 तक मैंने फीस जमा कर दिया है. नोहर का पुत्र साहिल कुमार वर्मा कक्षा छठवीं का छात्र है ने बताया कि हिंदी विषय की परीक्षा थी, मैंने सितंबर माह तक फीस जमा कर दिया है. कमलेश वर्मा भूपेंद्र वर्मा दोनों कक्षा आठवीं के छात्र हैं जो फरवरी 2023 तक बच्चों की फीस जमा कर दिए है. मार्च माह का फीस जमा नहीं हुआ है. ग्रुप में मैसेज आया था कि 30 मार्च तक फीस जमा कर दीजिएगा. उसके बाद भी बच्चों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई.
लिखित समझौता के पश्चात परीक्षा की तिथि तय की गई
शिक्षक मुकेश भगत ने बताया अभिभावकों और शिक्षकों के द्वारा लिखित समझौता किया गया है. बिना शर्त के बच्चों को परीक्षा ली जाएगी. बच्चों को बिना फीस लिए परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी. कल नया प्रश्न पत्र तैयार कर परीक्षा लेने की तैयारी की जा रही है. स्कूल प्रबंधन द्वारा 2018 से स्कूल संचालित है नया स्कूल होने के कारण कुछ नियमों की अनदेखी हो गई थी जिसे हम सुधार कर रहे है भविष्य में अगले सत्र में ऐसी गलती नहीं होगी.
स्कूली बच्चों का लाखों रुपए बकाया, वसूली के बिना स्कूल का संचालन प्रभावित
स्कूल की संचालक राजेश्वरी वर्मा ने बताया कि स्कूली बच्चों के स्कूल फीस का लाखों रुपए बकाया है जिसकी वसूली परीक्षा के पूर्व अथवा रिजल्ट आने के पूर्व की जाती है. बकाया राशि होने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है.