फर्जी फोन-पे ऐप से 15 पेट्रोल पंपों में ठगी- खैरागढ़ की ठेलकाडीह पुलिस ने हाई-टेक गैंग को दबोचा

दो स्कॉर्पियो, 300 लीटर डीजल, 6 मोबाइल और फर्जी नंबर प्लेट बरामद

लेटेरे गैंग ने कबूला, “स्क्रीनशॉट दिखाओ और भाग जाओ” था लूट और मकसद
सत्यमेव न्यूज़ के लिए अनुराग शाँति तुरे की रिपोर्ट खैरागढ़। डिजिटल भुगतान के बढ़ते चलन के बीच ठगों ने अब फोन-पे जैसे ऐप का फर्जी वर्जन तैयार कर हाई-टेक ठगी शुरू कर दी है। ठेलकाडीह पुलिस ने ऐसी ही एक तकनीकी रूप से चालाक गैंग को गिरफ्तार किया है, जो महज़ 15 दिनों में 15 पेट्रोल पंपों को चूना लगा चुका था।

वारदात को ऐसे अंजाम देते थे आरोपी
लूट की वारदात को अंजाम देने चरण गिरोह की चालाकी बेहद ही शातिराना थी। पहले पेट्रोल पंप पर पहुंचकर गैंग के लोग अधिक मात्रा में डीजल डलवाते थे और मोबाइल में फर्जी फोन-पे ऐप खोलकर भुगतान सफल दिखाते थे इसके बाद
स्क्रीन पर “पेमेंट सक्सेसफुल” का एनिमेशन दिखाकर कर्मचारी को भ्रमित करते और असली लेन-देन की पुष्टि होने से पहले ही स्कॉर्पियो में बैठकर फरार हो जाते थे।

ऐसे हुआ पूरे मामले का खुलासा
बता दे कि बीते 12 अक्टूबर की रात 10:27 बजे एस.के. फ्यूल्स खपरीखुर्द चौक में सफेद स्कॉर्पियो (एमएच 16 बीएम 6065) में पहुंचे युवकों ने 5500 रुपए का डीजल भरवाया और क्यूआर कोड स्कैन करने का नाटक कर फर्जी भुगतान दिखाकर भाग निकले। इसके बाद प्रार्थी उज्जवल बेलावाला ने इसकी शिकायत ठेलकाडीह थाना में दर्ज कराई वहीं सीसीटीवी फुटेज में स्कॉर्पियो और दो संदिग्ध युवकों की पहचान हुई।

क्या कहती है पुलिस पड़ताल
मामले की जानकारी के बाद पुलिस के आल्हा अधिकारियों की ओर से इस मामले में तुरंत अलर्ट जारी हुआ। लोकेशन ट्रेसिंग के साथ ही पेट्रोल पंपों से पूरी जानकारी जुटाई गई। बाद इसके आरोपी सतीश साहू और अरमान मानकर पहले पकड़े गये वहीं पूछताछ में खुलासा हुआ कि गैंग के अन्य सदस्य राजा मानकर मोहित वर्मा, सूरज साहू और कुलदीप पटेल का नाम भी सामने आया। पुलिस ने इसके बाद कार्यवाही करते हुये 2 स्कॉर्पियो वाहन, 6 स्मार्टफोन मोबाइल,
फर्जी बनाये गये 6 नंबर प्लेट और डीजल 300 लीटर स्टॉक में बरामद हुआ है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 66(घ) सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
पुलिस के मुताबिक गैंग तकनीकी तरीके से ठगी कर रहा था। असली ऐप जैसा ही इंटरफेस बनाकर पेट्रोल पंप कर्मचारियों को भ्रमित किया जाता था। डिजिटल ठगी के इस नए तरीके को लेकर हम पेट्रोल पंप संचालकों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
पेट्रोल पंप संचालकों के लिए हमारा सतर्कता संदेश
पहला तो ऑनलाइन भुगतान की एसएमएस/बैंक एंट्री पुष्टि होने के बाद ही वाहन को जाने दें। केवल स्क्रीनशॉट या एनीमेशन देखकर पंप स्टाफ किसी भी उपभोक्ता पर विश्वास न करें। ऐसे मामलों में सीसीटीवी और वाहन नंबर तुरंत नोट करना अनिवार्य होता है।